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गुवाहाटी, 2 जून (हि.स.) । स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री अशोक सिंघल ने सोमवार को गुवाहाटी स्थित राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कार्यालय में विभाग की कार्यप्रणाली की व्यापक समीक्षा की। बैठक में आयुक्त एवं सचिव पी अशोक बाबू और बर्नाली शर्मा, चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान के आयुक्त-सचिव डॉ. सिद्धार्थ सिंह, स्वास्थ्य सेवाओं के निदेशक डॉ. उमेश फांग्सो, परिवार कल्याण निदेशक कमलजीत तालुकदार और एनएचएम असम के कार्यकारी निदेशक डॉ. मनोज चौधरी समेत वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
बैठक में योजनाओं के क्रियान्वयन, बुनियादी ढांचे के विकास और विशेष रूप से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति की समीक्षा की गई। मंत्री सिंघल ने राहत शिविरों में नियमित स्वास्थ्य जांच और आवश्यक दवाओं की समय पर आपूर्ति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। उन्होंने डॉक्टरों, नर्सों और स्वास्थ्य कर्मियों से बाढ़ के दौरान और बाद में जलजनित व अन्य संक्रामक रोगों से निपटने के लिए सतर्क रहने को कहा।
कोकराझाड़ और चिरांग जिलों के भारत-भूटान सीमा क्षेत्रों में मलेरिया नियंत्रण के प्रयासों की भी समीक्षा की गई।
मंत्री ने बैठक में कई प्राथमिक क्षेत्रों की पहचान करते हुए तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने राज्य के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक ‘फास्ट रेफरल यूनिट (एफआरयू)’ स्थापित करने को कहा, ताकि मातृ, शिशु और आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित की जा सकें। साथ ही, आयूष निदेशक को आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में नियमित योग प्रशिक्षण आयोजित करने और फिट इंडिया मूवमेंट के तहत सामुदायिक सहभागिता को प्रोत्साहित करने का निर्देश दिया।
मंत्री सिंघल ने विभागीय प्रशासनिक एवं सूचना प्रणालियों के पूर्ण डिजिटलीकरण पर बल देते हुए राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों में आवश्यक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा। साथ ही डॉक्टरों, नर्सों, आशा कार्यकर्ताओं और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों के लिए नियमित प्रशिक्षण और व्यक्तित्व विकास कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश भी दिए।
बैठक में राज्य में रक्त कोषों की वर्तमान स्थिति, आयुष्मान भारत–प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना और आयुष्मान असम–मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना की प्रगति की समीक्षा की गई। इसके अलावा, हाल ही में कोविड-19 संक्रमण में आई वृद्धि को देखते हुए आवश्यक सतर्कता बरतने पर भी चर्चा हुई।
मंत्री सिंघल ने कहा कि संकट की घड़ी में, विशेषकर बाढ़ जैसी आपदा के समय, स्वास्थ्य सेवा वितरण में जन-केंद्रित और सक्रिय दृष्टिकोण अपनाना आवश्यक है।
हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश