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- स्पीकर ने दिल्ली विधानसभा की नियमावाली में बदलाव की घोषणा की
नई दिल्ली, 2 जून (हि.स.)। दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने सोमवार को विधानसभा नियमावली के नियम 280 की समीक्षा और उसमें संशोधन कर उसे लोकसभा और राज्यसभा की प्रक्रिया के अनुरूप बनाने की घोषणा की। यह बदलाव एनसीटी दिल्ली (संशोधन) अधिनियम 2021 के अनुसार किया जाएगा। इसके साथ ही विधान भाषा को सरल बनाने और लैंगिक-निरपेक्ष शब्दों के उपयोग को भी बढ़ावा दिया जाएगा। इससे विधानसभा की कार्यप्रणाली अधिक समावेशी, स्पष्ट और समानता आधारित बन सके।
साेमवार का विधानसभा अध्यक्ष गुप्ता ने एक बयान जारी कर बताया कि आठवीं विधानसभा का एक साैंवा कार्य दिवस 4 जून काे है। इस अल्प अवधि में कई ऐतिहासिक निर्णय और सुधार किए गए हैं। इन उपलब्धियों को चिह्नित करने के लिए एक विशेष रिपोर्ट कार्ड तैयार किया जा रहा है। इसमें विधानसभा के पहले एक साै दिनों की प्रमुख उपलब्धियां, निर्णय और सुधारों का विवरण होगा। यह प्रकाशन पारदर्शिता, जवाबदेही और सुधारवादी शासन के प्रति विधानसभा की प्रतिबद्धता को दर्शाएगा।
उन्होंने कहा कि अब तक दो पूर्ण सत्र आयोजित किए जा चुके हैं, जबकि पहले हर साल केवल एक सत्र होता था। कुल 12 बैठकें हुईं, जिनमें 46 घंटे 16 मिनट तक कार्य हुआ। जो पिछले 25 वर्षों में सबसे अधिक रहा है। इसमें कई बार कार्यवाही शाम 7 बजे तक चली। अब सदन को “अवसान” किया जा रहा है, न कि अनिश्चितकाल के लिए स्थगित, जो अधिक नियोजित और जवाबदेह विधान कार्य प्रणाली की ओर संकेत करता है।
अध्यक्ष गुप्ता ने बताया कि वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण और ट्रांसजेंडर व दिव्यांग व्यक्तियों के हितों की रक्षा के लिए दो नई समितियां गठित की गई हैं। इन समितियों के ढांचे और कार्यप्रणाली को नियम समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा, जहां लोकसभा और राज्यसभा की सर्वोत्तम प्रक्रियाओं का अध्ययन कर उन्हें अपनाया जाएगा। वित्तीय पारदर्शिता को बढ़ाने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम के तहत, नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की छह लंबित रिपोर्ट्स को इस अवधि में सदन में प्रस्तुत किया गया। इसके साथ ही, एक विशेष ऑडिट पैरा मॉनिटरिंग सिस्टम (एपीएमएस) मोबाइल ऐप विकसित किया जा रहा है, जिससे ऑडिट सिफारिशों की निगरानी, अनुपालन और वित्तीय पारदर्शिता में सुधार होगा। उन्होंने कहा कि दिल्ली विधानसभा भवन को एक जीवंत सांस्कृतिक और ऐतिहासिक स्थल में बदलने की दिशा में भी काम शुरू हो चुका है। यह भवन कभी भारत की पहली संसद का साक्षी रहा है और ऐतिहासिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस योजना में भवन की पारंपरिक तकनीकों से मरम्मत, एक विधान संग्रहालय की स्थापना और दिल्ली व भारत की लोकतांत्रिक यात्रा को दर्शाने वाली प्रदर्शनियों की व्यवस्था की जाएगी। इसके अलावा गाइडेड टूर, सूचना बोर्ड, और मल्टीमीडिया प्रस्तुतियां भी तैयार की जाएंगी।
अध्यक्ष गुप्ता ने बताया कि इस प्रयास में केन्द्र सरकार का सहयोग प्राप्त हो रहा है। केन्द्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के साथ बातचीत सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ रही है। केन्द्र के सहयोग से दिल्ली विधानसभा को एक राष्ट्रीय स्तर की धरोहर और पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / धीरेन्द्र यादव