बालिका सशक्तिकरण अभियान के तहत कोरबा की बालिकाओं ने किया पाली नर्सरी का भ्रमण
प्रकृति के माध्यम से बालिकाओं को सशक्त बनाना: बालिका सशक्तिकरण अभियान 2025 के तहत कोरबा की बालिकाओं ने किया पाली नर्सरी का भ्रमण


प्रकृति के माध्यम से बालिकाओं को सशक्त बनाना: बालिका सशक्तिकरण अभियान 2025 के तहत कोरबा की बालिकाओं ने किया पाली नर्सरी का भ्रमण


कोरबा, 02 जून (हि.स.)। बालिका सशक्तिकरण अभियान के अंतर्गत, एनटीपीसी कोरबा लगातार नवाचारपूर्ण कार्यशालाओं, संवादात्मक सत्रों और शैक्षणिक भ्रमणों के माध्यम से बालिकाओं के समग्र विकास और सीखने को बढ़ावा दे रहा है। इसी क्रम में इस अभियान के तहत बालिकाओं को छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले की पाली तहसील में स्थित प्रसिद्ध पाली नर्सरी का शैक्षणिक भ्रमण कराया गया।

पाली नर्सरी कोरबा जिले की प्रमुख हाईटेक नर्सरी में से एक है, जो एग्रोफॉरेस्ट्री, जैव विविधता संरक्षण, और सतत् पर्यावरणीय प्रथाओं को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। यह नर्सरी विलुप्त हो रही पौधों की प्रजातियों के संरक्षण में भी सक्रिय रूप से कार्य कर रही है, जो क्षेत्र में पारिस्थितिकी संतुलन बनाए रखने में सहायक है।

पाली नर्सरी प्रभारी सविता पटेल ने साेमवार काे बताया कि इस दाैरान बालिकाओं काे व्यावहारिक और सैद्धांतिक ज्ञान प्रदान किया गया। नर्सरी की विभिन्न गतिविधियों जैसे ग्रीनहाउस प्रबंधन, नर्सरी और फ्लोरीकल्चर उत्पादन, तथा वर्मी कम्पोस्ट प्रक्रिया की जानकारी दी गई। बालिकाओं ने इन प्रक्रियाओं को करीब से देखा और जाना कि यह तकनीक किस प्रकार सतत कृषि और पर्यावरण संरक्षण में सहायक होती हैं।

यह शैक्षणिक पहल बालिकाओं के दृष्टिकोण को व्यापक बनाने, उनमें पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी की भावना विकसित करने और विज्ञान, स्थायित्व तथा प्रकृति आधारित करियर में रुचि पैदा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था। यह भ्रमण न केवल जानकारीपूर्ण था, बल्कि प्रेरणादायक भी रहा, जहां बालिकाओं ने विशेषज्ञों से संवाद किया और नर्सरी में हो रहे महत्वपूर्ण कार्यों का प्रत्यक्ष अनुभव प्राप्त किया।

एनटीपीसी कोरबा का बालिका सशक्तिकरण अभियान बालिकाओं को विविध करियर विकल्पों, जीवन कौशलों और व्यावहारिक ज्ञान से परिचित कराते हुए उन्हें सशक्त बनाने की दिशा में लगातार प्रयासरत है। पाली नर्सरी जैसे स्थलों के भ्रमण के माध्यम से यह पहल एक ऐसे भविष्य की नींव रख रही है, जिसमें हमारी बेटियाँ पर्यावरण के प्रति संवेदनशील, आत्मविश्वासी और सक्षम बनकर समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में समर्थ होंगी।

हिन्दुस्थान समाचार/ हरीश तिवारी

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हिन्दुस्थान समाचार / हरीश तिवारी