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उदयपुर, 2 जून (हि.स.)। उदयपुर के बेदला स्थित अपना घर आश्रम ने एक बार फिर मानवता का अनुपम उदाहरण पेश करते हुए 16 वर्षों से अपने परिवार से बिछुड़े हरिलाल नामक प्रभुजी का मिलन उनके परिवारजनों से करवाया। यह क्षण हर किसी की आंखें नम कर गया।
आश्रम अध्यक्ष गोपाल कनेरिया ने बताया कि अक्टूबर 2024 में धरियावद तहसील कार्यालय के पास से असहाय स्थिति में मिले हरिलाल को आश्रम में सेवा व पुनर्वास के लिए लाया गया था। उनकी मानसिक एवं शारीरिक स्थिति अत्यंत दुर्बल थी और वे अपने बारे में कुछ भी स्पष्ट नहीं बता पा रहे थे। नियमित देखरेख, उपचार एवं काउंसलिंग से जब स्थिति सुधरी तो उन्होंने अपना नाम हरिलाल व गांव बड़ी पौहरी, जिला डूंगरपुर बताया।
आश्रम प्रभारी सुल्तान सिंह ने गांव के सरपंच हरीश कटारा से संपर्क कर फोटो साझा किए। पुष्टि होते ही परिवार तक सूचना पहुंचाई गई और वीडियो कॉलिंग के माध्यम से हरिलाल की बहन गीता बेन, बहनोई थांवरा डामोर और भतीजों डूंगर, अशोक व दिनेश से बातचीत करवाई गई। भावनाओं का ज्वार उमड़ पड़ा।
बहनोई थांवरा डामोर ने बताया कि हरिलाल 16 साल पहले जंगलात विभाग की नर्सरी में काम करते थे, लेकिन अचानक लापता हो गए। वर्षों तक तलाश जारी रही, लेकिन उनका कोई सुराग नहीं मिला। गांव में लोग मान चुके थे कि वे अब जीवित नहीं होंगे, पर बहनोई का विश्वास आखिर जीत गया।
आश्रम में स्नेहिल विदाई समारोह हुआ, जिसमें हरिलाल जी को तिलक, पगड़ी और उपरणा पहनाकर भावनात्मक विदाई दी गई। समाजसेवी आर.पी. गुप्ता, गोपाल डांगी, राजेश गर्ग सहित कई पदाधिकारी उपस्थित रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुनीता