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पेरिस, 02 जून (हि.स.)। यूरोपीय संघ (ईयू) ने सोमवार को एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए चीनी चिकित्सा उपकरणों के आयात पर रोक लगाने के पक्ष में मतदान किया। यह कदम बीजिंग की हाई-टेक निर्माण रणनीति ‘मेड इन चाइना 2025’ के तहत चिकित्सा उपकरणों को बढ़ावा देने की योजना के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
ईयू की जांच में यह निष्कर्ष निकला कि चीन ने चिकित्सा उपकरणों की सरकारी खरीद में विदेशी कंपनियों के साथ भेदभाव किया है। यूरोपीय आयोग के अनुसार, 87 प्रतिशत अनुबंधों में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से विदेशी कंपनियों को दरकिनार किया गया, जिनमें विदेशी उपकरणों पर प्रतिबंध भी शामिल था।
इसके जवाब में ईयू ने निर्णय लिया है कि अब से यूरोपीय सार्वजनिक एजेंसियां अगले पांच वर्षों तक 05 मिलियन यूरो से अधिक मूल्य के अनुबंधों में चीनी बोलीदाताओं को बाहर रखेंगी। यह कार्रवाई ‘इंटरनेशनल प्रोक्योरमेंट इंस्ट्रूमेंट’ के तहत की गई है। यह 2022 में पारित कानून है जिसका उद्देश्य सार्वजनिक खरीद में समान अवसर सुनिश्चित करना है।
चिकित्सा उपकरण चीन की “मेड इन चाइना 2025” नीति के तहत दस प्रमुख क्षेत्रों में शामिल हैं। इस नीति का उद्देश्य चीन को उच्च-प्रौद्योगिकी क्षेत्रों जैसे रोबोटिक्स, एयरोस्पेस और सेमीकंडक्टर में वैश्विक अग्रणी बनाना है।
दोनों देशों के बीच बढ़ते व्यापारिक तनाव को देखते हुए ईयू व्यापार आयुक्त मारोश शेफ्चोविच ने कहा कि वे चीन के साथ वार्ता कर समाधान निकालने को तैयार हैं। वे मंगलवार को ओईसीडी मंत्री परिषद बैठक के दौरान चीन के वाणिज्य मंत्री वांग वेंताओ से मुलाकात करेंगे।
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हिन्दुस्थान समाचार / आकाश कुमार राय