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मुर्शिदाबाद, 02 जून (हि. स.)। भरतपुर से तृणमूल कांग्रेस विधायक हुमायूं कबीर द्वारा पुलिस के खिलाफ दिए गए विवादित बयान के बाद सियासी हलकों में मचे शोर को शांत करने के प्रयास में उन्होंने सोमवार को जिला पुलिस अधीक्षक (एसपी) से मुलाकात की।
सोमवार को विधायक हुमायूं कबीर ने जिला पुलिस अधीक्षक से शिष्टाचार भेंट कर पूरे मामले पर चर्चा की। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका बयान “भावनात्मक प्रतिक्रिया” के तहत आया और उनका मकसद किसी को आहत करना नहीं था। उन्होंने कहा, मेरे शब्दों से अगर किसी को ठेस पहुंची है, तो मैं खेद प्रकट करता हूं। पुलिस प्रशासन और जनप्रतिनिधि दोनों को मिलकर जनता के हित में काम करना चाहिए। हमारी बातचीत सौहार्दपूर्ण रही।
तृणमूल के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, विधायक की यह पहल पार्टी नेतृत्व की सलाह पर हुई है, जो इस समय अनुशासन और जिम्मेदार बयानबाजी को प्राथमिकता दे रहा है। हाल ही में बीरभूम के अणुव्रत मंडल प्रकरण के बाद पार्टी किसी भी तरह की सार्वजनिक छवि को लेकर सतर्क है।
इस मुलाकात को राजनीतिक रूप से काफी अहम माना जा रहा है, क्योंकि यह उस वक्त हुई जब विधायक का एक वीडियो वायरल हो रहा था, जिसमें वह खुले मंच से पुलिस को “ठीक कर देने” की धमकी देते नजर आ रहे हैं। रविवार को सामने आए वीडियो में विधायक कबीर कह रहे हैं कि अगर मैं विपक्ष में होता, तो 24 घंटे में पुलिस को सीधा कर देता। लेकिन अब सरकार में हूं, तो हाथ-पांव बंधे हैं।
उन्होंने जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में पुलिस के रवैये पर सवाल खड़े किए थे। इस बयान पर विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ पार्टी के नेता सत्ता का दुरुपयोग कर पुलिस को धमका रहे हैं।
पुलिस अधीक्षक कार्यालय से जुड़े सूत्रों के अनुसार, यह मुलाकात तनाव कम करने और भविष्य में बेहतर तालमेल बनाए रखने की दिशा में एक सकारात्मक कदम थी। प्रशासन ने भी विधायक के स्पष्टीकरण को गंभीरता से लिया और भरोसा जताया कि भविष्य में इस तरह की स्थिति नहीं दोहराई जाएगी।
हिन्दुस्थान समाचार / अनिता राय