एम्स में आदिवासी स्वास्थ्य एवं अनुसंधान संस्थान के लिए एक उन्नत केंद्र की होगी स्थापना
नई दिल्ली, 19 जून (हि.स.)। विश्व सिकल सेल दिवस के मौके पर जनजातीय मामलों के मंत्रालय ने रोग के इलाज को लेकर दवा विकसित करने के लिए भगवान बिरसा मुंडा पुरस्कार की घोषणा की है। इसके साथ अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में आदिवासी स्वास्थ्य एवं अ
दुर्गादास


नई दिल्ली, 19 जून (हि.स.)। विश्व सिकल सेल दिवस के मौके पर जनजातीय मामलों के मंत्रालय ने रोग के इलाज को लेकर दवा विकसित करने के लिए भगवान बिरसा मुंडा पुरस्कार की घोषणा की है। इसके साथ अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में आदिवासी स्वास्थ्य एवं अनुसंधान संस्थान के लिए एक उन्नत केंद्र की स्थापना की जाएगी। एम्स में गुरुवार को एक कार्यक्रम में जनजातीय मामलों के राज्यमंत्री दुर्गादास उइके ने कहा कि सिकल सेल एनीमिया जैसी खतरनाक बीमारी को समाप्त करने के लिए धन की कोई कमी नहीं होगी।

उन्होंने बताया कि उनका मंत्रालय देश से इस बीमारी को समाप्त करने के लिए अन्य हितधारकों के साथ मिलकर काम कर रहा है। एक जुलाई 2023 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी सरकार के संकल्प की घोषणा की थी कि 2047 के अंक तक भारत की धरती से सिकल सेल एनीमिया को समाप्त कर दिया जाएगा।

“विश्व सिकल सेल दिवस” पर एम्स में एक सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप मंत्रालय अन्य विभागों के साथ मिलकर इस बीमारी के उन्मूलन के लिए स्क्रीनिंग, परीक्षण और अन्य आवश्यक कार्य पूरा करने वाला है। यह न केवल चिकित्सा बिरादरी के लिए एक चुनौती है, बल्कि देश में आदिवासी समुदायों को सामाजिक न्याय प्रदान करने का एक आंदोलन भी है। उन्होंने चिकित्सा बिरादरी से भारत से इस बीमारी को खत्म करके प्रधानमंत्री के सपने को साकार करने के लिए आगे आने का आह्वान किया। इस दौरान राज्यमंत्री ने सिकल सेल एनीमिया के मरीजों और उनके परिवारों से भी बातचीत की।

विश्व सिकल सेल दिवस कार्यक्रम में जनजातीय मामलों के मंत्रालय के सचिव विभु नायर ने कहा कि सिकल सेल और एनीमिया से पीड़ित रोगियों को प्रभावी स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए भारत सरकार ने देशभर के एम्स सहित 15 तृतीयक देखभाल अस्पतालों में सक्षमता केंद्र (सीओसी) शुरू किए हैं। यह इस साल नवंबर अंत तक काम करना शुरू कर देगा और रोगियों को जल्द ही निदान के साथ-साथ रेफरल सुविधाएं भी मिलेंगी। एम्स दिल्ली के निदेशक डॉ. एम. श्रीनिवास ने जनजातीय लोगों के स्वास्थ्य और कल्याण के प्रति अपने संस्थान की प्रतिबद्धता व्यक्त की है और इस संबंध में मंत्रालय के प्रयासों को पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया है। नायर ने कहा कि ये केंद्र 15 राज्यों के एम्स और अन्य मेडिकल कॉलेजों में स्थापित किए जा रहे हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / विजयालक्ष्मी