Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
—राजभाषा कार्यान्वयन समिति (बराकास) की तिमाही बैठक
वाराणसी,19 जून (हि.स.)। बनारस रेल इंजन कारखाना (बरेका) में राजभाषा हिंदी को तकनीकी क्षेत्र में भी बढ़ावा दिया जा रहा है। हमें अनुवाद पर निर्भरता कम कर मौलिक रूप से हिंदी में काम करने की दिशा में ठोस कदम उठाने होंगे, तभी आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार होगा। यह उद्गार बरेका महाप्रबंधक नरेश पाल सिंह के हैं। महाप्रबंधक गुरूवार को परिसर स्थित प्रशासनिक भवन सभागार में राजभाषा कार्यान्वयन समिति (बराकास) की तिमाही बैठक को सम्बोधित कर रहे थे।
महाप्रबंधक ने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि बरेका आज विश्वस्तरीय तकनीक के साथ न केवल कदम से कदम मिलाकर चल रहा है, बल्कि तकनीकी क्षेत्रों में हिंदी के प्रयोग को भी मजबूती से बढ़ावा दे रहा है। उन्होंने अधिकारियों से आह्वान किया कि वे हिंदी में तकनीकी विषयों पर सरल, संवादात्मक शैली में पुस्तकें लिखें, ताकि तकनीकी ज्ञान आम जनमानस तक आसानी से पहुँच सके। बैठक में बरेका के विभिन्न विभागों के प्रमुख विभागाध्यक्ष एवं वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे। बैठक के दौरान उन्होंने अपने-अपने विभागों में राजभाषा हिंदी के प्रयोग एवं प्रगति की जानकारी साझा की और भविष्य में किए जाने वाले प्रयासों पर भी चर्चा की। बैठक की शुरुआत में मुख्य राजभाषा अधिकारी प्रवीण कुमार ने बरेका में हिंदी के प्रचार-प्रसार एवं इसके सृजनात्मक उपयोग के लिए किए जा रहे प्रयासों से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि कैसे बरेका तकनीकी दस्तावेजों, प्रशिक्षण कार्यक्रमों, आंतरिक पत्राचार और विभिन्न कार्यालयीन कार्यों में हिंदी को निरंतर प्राथमिकता दे रहा है। संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन वरिष्ठ राजभाषा अधिकारी डॉ. संजय कुमार सिंह ने किया।
हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी