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योगी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत जारी है एनकाउंटर की कार्रवाई
लखनऊ, 19 जून (हि.स.)। योगी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत प्रदेश में पिछले आठ वर्ष में अपराध और अपराधियों के खिलाफ ताबड़तोड कार्रवाई कर 234 दुर्दांत अपराधियों को मुठभेड़ में ढेर कर यमलोक पहुंचाया है। इस दौरान पुलिस की कुल 14,741 मुठभेड़ के दाैरान 30,293 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया। इन मुठभेड़ाें में 9,202 अपराधी घायल हुए हैं। इन दाैरान
अपराधियों से लोहा लेते हुए 18 पुलिसकर्मियाें का बलिदान हुआ और 1,700 पुलिसकर्मी घायल हुए।
डीजीपी राजीव कृष्णा ने गुरुवार काे बताया कि प्रदेश में सबसे अधिक मुठभेड़ मेरठ ज़ोन में हुईं, जहां पुलिस की 4,183 कार्रवाई ेके दाैरान 7,871 अपराधी गिरफ्तार किए गए, जबकि 2,839 अपराधी घायल हुए। इन मुठभेड़ाें में 77 कुख्यात अपराधी ढेर हाे गए। मेरठ जोन की इन मुठभेड़ाें में 452 पुलिसकर्मी घायल हुए जबकि दो पुलिसकर्मी बलिदान हो गये।
उन्होंने बताया कि एनकाउंटर की कार्रवाई में पूरे प्रदेश में मेरठ जोन पहले स्थान पर रहा है। एनकाउंटर कार्रवाई में वाराणसी जोन दूसरे और आगरा जाेन तीसरे स्थान पर है। वाराणसी ज़ोन में 1,041 मुठभेड़ हुईं, जिनमें 2,009 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया, जबकि 26 अपराधियों को मुठभेड़ में ढेर कर दिया गया। इस दौरान 605 अपराधी और 96 पुलिसकर्मी घायल हुए।
आगरा जोन में 2,288 एनकाउंटर की कार्रवाई की गईं, जिनमें 5,496 अपराधियों को दबोचा गया। इस दौरान 715 अपराधी घायल हुए जबकि 19 अपराधी मार गिराए गए। मुठभेड़ के दौरान 56 पुलिसकर्मी घायल हुए।
कमिश्नरेट में सबसे अधिक लखनऊ कमिश्नरी ने मारी बाजी, 11 अपराधी किये ढेर
डीजीपी ने बताया कि एनकाउंटर के आंकड़ों पर नजर डालें तो लखनऊ ज़ोन में 790 मुठभेड़ के दौरान 15 दुर्दांत अपराधी मारे
गए। वहीं प्रयागराज ज़ोन में 506 मुठभेड़ के दौरान 10 अपराधी मारे गए। बरेली ज़ोन में 1,962 मुठभेड़ों में 15, कानपुर जोन में 657 मुठभेड़ों में 11 और गोरखपुर जोन में 594 मुठभेड़ों में 8 अपराधियों को मारे गए। इसी तरह लखनऊ कमिश्नरी में 126 मुठभेड़ों में 11, गौतमबुद्ध नगर में 1,035 मुठभेड़ों में 9, कानपुर कमिश्नरी में 221 मुठभेड़ों में 4, वाराणसी कमिश्नरी में 118 मुठभेड़ों में 7, आगरा कमिश्नरी में 426 मुठभेड़ों में 7 और प्रयागराज कमिश्नरी में 126 मुठभेड़ों में 5 अपराधी मारे गये ।
पुलिस कार्रवाई से डरकर अपराधियों ने छोड़ा प्रदेश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पिछले आठ वर्षों में यूपी पुलिस ने अपराधी या तो जेल में होगा या प्रदेश से बाहर के मंत्र को धरातल पर उतारा। इससे अपराधियों में भय और आम जनता में सुरक्षा की भावना बढ़ी है। यही वजह है कि प्रदेश की कानून-व्यवस्था की सराहना राष्ट्रीय स्तर पर हो रही है। योगी सरकार की नीति के तहत पुलिस ने संगठित अपराध, माफियागीरी और अवैध वसूली पर सख्त प्रहार किया है। मुठभेड़ों के साथ ही संपत्ति कुर्की, गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई और एनएसए जैसे कानूनों के प्रावधानों को प्रभावी ढंग से लागू किया गया है। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति के तहत अपराधियों के खिलाफ चला यह आठ वर्षीय अभियान न सिर्फ आंकड़ों में बल्कि जमीनी हकीकत में भी कानून का राज स्थापित करने में सफल रहा है। पुलिस की त्वरित, कठोर और साहसिक कार्रवाई ने अपराधियों को प्रदेश छोड़ने पर मजबूर कर दिया है और उत्तर प्रदेश अब भयमुक्त और सुरक्षित राज्य के रूप में अपनी पहचान को सशक्त कर रहा है।
हिन्दुस्थान समाचार / मोहित वर्मा