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मुरादाबाद, 19 जून (हि.स.)। हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसीएच) ने मुरादाबाद में हस्तशिल्प एमएसएमई को सशक्त बनाने के लिए गुरुवार को सेमिनार का आयोजन किया। वित्तीय जागरूकता व डिजिटल साधनों को बढ़ावा देने के लिए निर्यातक एकत्र हुए। स्मार्ट क्रेडिट समाधान और जीएसटी रिफंड को स्वचालित करने पर जोर दिया गया।
सेमिनार का उद्देश्य एमएसएमई को आधुनिक वित्तीय और डिजिटल साधनों से लैस करना था, जिससे वह अपने व्यवसाय को अधिक सक्षम बना सकें। ईपीसीएच के अध्यक्ष डॉ. नीरज विनोद खन्ना, यस के नेशनल चेयरमैन विशाल अग्रवाल, रोहित ढल, जेपी सिंह, ईपीसीएच के उप निदेशक सुशील अग्रवाल और निर्यातक संगोष्ठी में शामिल हुए।
ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक आरके वर्मा ने बताया कि बदलते परिदृश्य में एमएसएमई पर वित्तीय रूप से लचीला बने रहने का दबाव लगातार बढ़ रहा है। क्रेडिट तक आसान पहुंच और निर्बाध जीएसटी रिफंड से एमएसएमई की क्षमता को सशक्त बनाया जा सकता है। विस्तृत प्रेजेंटेशन में बताया गया कि फैक्टरिंग एक प्रभावशाली वित्तीय साधन है जो एमएसएमई द्वारा अपने नकदी प्रवाह का प्रबंध करता है।
माई जीएसटी रिफंड की निदेशक भूमिका वर्मा ने कहा कि निर्यात क्षेत्र में एमएसएमई के लिए समय पर जीएसटी रिफंड महत्वपूर्ण है। चालान मिलान से लेकर रिफंड फाइलिंग तक की पूरी प्रक्रिया को स्वचालित करने से व्यवसाय न केवल रियल टाइम में अपने दावों को ट्रैक कर सकते हैं, बल्कि समय भी बचा सकते हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / निमित कुमार जायसवाल