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सेंट पीटर्सबर्ग, 19 जून (हि.स.)। रूस के आर्थिक मंत्री मैक्सिम रेशेत्निकोव ने गुरुवार को चेतावनी दी कि देश की अर्थव्यवस्था मंदी के कगार पर है। यह बयान उन्होंने सेंट पीटर्सबर्ग अंतरराष्ट्रीय आर्थिक मंच के दौरान दिया, जो रूस का प्रमुख आर्थिक आयोजन है और अंतरराष्ट्रीय निवेशकों को आकर्षित करने के लिए आयोजित किया जाता है।
रूसी व्यावसायिक समाचार एजेंसी आरबीसी के अनुसार, रेशेत्निकोव ने कहा, “आंकड़े मंदी का संकेत दे रहे हैं, लेकिन ये आंकड़े पिछली स्थिति को दिखाते हैं। अभी के व्यापारिक माहौल और संकेतकों को देखकर लगता है कि हम मंदी की दहलीज पर खड़े हैं।”
रेशेत्निकोव ने कहा कि वर्ष 2022 में यूक्रेन पर सैन्य अभियान के बाद रूस पर लगे कड़े पश्चिमी प्रतिबंधों के बावजूद देश की अर्थव्यवस्था ने अनुमान से बेहतर प्रदर्शन किया है। रक्षा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर खर्च ने आर्थिक वृद्धि को गति दी और बेरोजगारी को निम्न स्तर पर बनाए रखा। हालांकि, इससे महंगाई भी बढ़ी है। मजदूरी में हुई बढ़ोतरी ने महंगाई के असर को कुछ हद तक संतुलित किया है, जिससे आम कामगारों की आय में सुधार देखा गया है।
उन्होंने कहा कि यूक्रेन युद्ध में शामिल होने वाले सैनिकों को दिए जा रहे बड़े बोनस और शहीदों के परिवारों को मिल रही वित्तीय सहायता ने रूस के गरीब क्षेत्रों में आय में वृद्धि की है, लेकिन दीर्घकालिक रूप से महंगाई और विदेशी निवेश की कमी रूसी अर्थव्यवस्था के लिए गंभीर खतरा बने हुए हैं।
रेशेत्निकोव ने मंच पर कहा, “आगे क्या होगा यह इस पर निर्भर करता है कि सरकार अब कौन से कदम उठाती है।”
हालांकि, मंच के अन्य प्रमुख वक्ताओं वित्त मंत्री एंतोन सिलुआनोव और केंद्रीय बैंक की गवर्नर एलविरा नबीउलीना ने अधिक आशावादी दृष्टिकोण पेश किया। सिलुआनोव ने अर्थव्यवस्था में ठंडक की बात स्वीकार की, लेकिन कहा, “हर ठंड के बाद गर्मी जरूर आती है।” वहीं केंद्रीय बैंक की गवर्नर नबीउलीना ने कहा कि “रूसी अर्थव्यवस्था अब अधिक गर्मी से बाहर निकल रही है।”
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हिन्दुस्थान समाचार / आकाश कुमार राय