आरआरयू कतर में संस्थानों के साथ अकादमिक और अनुसंधान सहयोग की संभावना तलाश रहा है
गांधीनगर, 19 जून (हि.स.)। राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय (आरआरयू), गृह मंत्रालय के अंतर्गत आने वाला राष्ट्रीय महत्व का संस्थान, भारत के अमृतकाल विजन 2047 के अनुरूप अपनी वैश्विक पहुंच और अकादमिक भागीदारी को तेज करना जारी रखे हुए है। आरआरयू के एक उच्च
कतर राज्य


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गांधीनगर, 19 जून (हि.स.)। राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय (आरआरयू), गृह मंत्रालय के अंतर्गत आने वाला राष्ट्रीय महत्व का संस्थान, भारत के अमृतकाल विजन 2047 के अनुरूप अपनी वैश्विक पहुंच और अकादमिक भागीदारी को तेज करना जारी रखे हुए है। आरआरयू के एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने 11 से 16 जून 2025 तक कतर का दौरा किया। इस यात्रा में प्रमुख संस्थानों और हितधारकों के साथ बातचीत शामिल थी, जिसमें भारतीय दूतावास, दोहा, कौशल विकास केंद्र (एसडीसी), दोहा शामिल है।

दोहा में कौशल विकास केंद्र (एसडीसी) की स्थापना 2002 में की गई थी, जो शैक्षणिक गतिविधियों के माध्यम से प्रतिभा और व्यक्तित्व विकास को बढ़ावा देने के लिए समर्पित एक प्रमुख संस्थान है। एसडीसी स्वरालय जैसे प्रमुख कार्यक्रमों की मेजबानी भी करता है और कतर में भारतीय प्रवासियों के लिए समग्र विकास में संलग्न होने के लिए एक जीवंत मंच बना हुआ है। एसडीसी कतर में भारतीय नागरिकों को अपस्किल करने, उनकी क्षमताओं को अंतरराष्ट्रीय मानकों और क्षेत्रीय कार्यबल आवश्यकताओं के साथ संरेखित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

प्रतिनिधिमंडल की यात्रा के दौरान एसडीसी के सहयोग से विभिन्न गतिविधियों की पेशकश के लिए आरआरयू और कौशल विकास केंद्र (एसडीसी) के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। इस पहल का उद्देश्य निजी सुरक्षा, साइबर सुरक्षा, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, मनोविज्ञान और फिटनेस प्रबंधन तथा संबंधित क्षेत्रों में उच्च-गुणवत्ता, नौकरी-संबंधित प्रशिक्षण के साथ प्रवासी भारतीयों को सशक्त बनाना है।

मुख्य चर्चाएँ साइबर सुरक्षा, ड्रोन प्रौद्योगिकी, एआई-आधारित निगरानी, तनाव और चोट प्रबंधन तथा विकलांग बच्चों के परिवारों के लिए परामर्श सेवाओं जैसे पारस्परिक हित के क्षेत्रों पर केंद्रित रहीं।

हिन्दुस्थान समाचार / Abhishek Barad