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समस्तीपुर, 19 जून (हि.स.)।
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय में इस वर्ष की थीम विश्व एकता एवं विश्वास के लिए मेडिटेशन कार्यक्रम का लॉन्चिंग किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बीके तरुण ने कहा कि इतिहास प्रमाण है कि बाहरी ताकतों ने हमारी एकता पर प्रहार कर पहले उसे छिन्न-भिन्न किया, तभी वे हम पर राज्य कर सके।
उन्होंने कहा कि हमारी एकता ही हमारा असली बल है। व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाएं, स्वार्थ, लोभ, अहंकार, गलतफहमी, अफवाह, असहिष्णुता, अविश्वास एकता को तोड़ने का काम करते हैं। एकता का अर्थ है- आपसी सहयोग से प्रतिबद्धता के साथ किसी उद्देश्य के लिए कार्य करना। पारिवारिक, सामाजिक, राष्ट्रीय एवं वैश्विक एकता इसके कई आयाम हैं। किसी भी परिवार या संगठन की एकता के लिए स्वीकार्यता, परस्पर प्रेम व विश्वास, एक-दूसरे की जरूरतों को समझना, निरंतर स्वस्थ संवाद, सत्यता, सहनशीलता, क्षमाशीलता जैसे गुणों का होना आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि इसके साथ व्यक्तिगत स्तर की एकता भी जरूरी है, जिसे हम विचार, वाणी व कर्म की एकता, समानता या सत्यनिष्ठा कह सकते हैं। इस स्तर की एकता के लिए राजयोग मेडिटेशन की भूमिका अहम हो जाती है। हमारा कमजोर मन ही नकारात्मकता को जन्म देता है और हमारी आंतरिक एकता को तोड़ता है। फलस्वरुप बाहरी एकता भी तार-तार होने लगती है। राजयोग मेडिटेशन से हमारा मन शुद्ध और शक्तिशाली होता है। एक परमात्मा पिता की हम संतान हैं, इस नाते एक ईश्वरीय कुल के भाती हैं, सभी का एक ही स्वधर्म है- शांति और एक ही घर परमधाम से इस सृष्टि रूपी रंगमंच पर अपना-अपना पार्ट बजाने आये हैं।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से डॉ रामजी चौरसिया, राकेश माटा, एसपी सिंह, विनय भाई, ओम प्रकाश भाई, वरुण भाई, विजय भाई, संजीव भाई, अशोक भाई सहित सैकड़ो भाई-बहन उपस्थित थे।
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हिन्दुस्थान समाचार / त्रिलोकनाथ उपाध्याय