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जम्मू, 19 जून (हि.स.)। जम्मू-कश्मीर के प्रख्यात सांस्कृतिक व्यक्तित्व और भारत के दक्षिण अफ्रीका व मॉरीशस में पूर्व सांस्कृतिक राजनयिक पद्मश्री बलवंत ठाकुर ने भारत सरकार के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से श्रीनगर में शिष्टाचार भेंट की। इस दौरान उन्होंने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में कला और संस्कृति के क्षेत्र में व्याप्त चिंताओं को साझा किया। ठाकुर ने मंत्री महोदय को अपनी रचनात्मक यात्रा पर आधारित एक मोनोग्राफ भी भेंट किया, जिसमें उनके 45 वर्षों से अधिक के रंगमंच, लेखन और सांस्कृतिक प्रशासन के अनुभव को दर्शाया गया है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर की सांस्कृतिक संस्थाओं को पेशेवर तरीके से संचालित करने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि इससे हमारी मूर्त और अमूर्त विरासत का संरक्षण और संवर्धन बेहतर ढंग से हो सकेगा।
बलवंत ठाकुर ने बतौर सचिव, जेके एकेडमी ऑफ आर्ट, कल्चर एंड लैंग्वेजेज के रूप में आठ वर्षों तक कार्य किया और प्रदेश में सांस्कृतिक पुनर्जागरण का सूत्रपात किया। इसके बाद उन्होंने भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के क्षेत्रीय निदेशक के रूप में कार्य करते हुए विभिन्न देशों से सांस्कृतिक दलों को जम्मू लाया और जम्मू-कश्मीर की सांस्कृतिक झलक को इंग्लैंड, जापान, मिस्र, फ्रांस, भूटान जैसे देशों तक पहुंचाया। उन्होंने चिंता व्यक्त की कि आज जम्मू-कश्मीर की सांस्कृतिक प्रस्तुतियों की गुणवत्ता में गिरावट आई है, जिसके कारण प्रदेश की पहचान को अपेक्षित मंच नहीं मिल पा रहा। उन्होंने क्षेत्रीय व राष्ट्रीय संस्थाओं को सृजनात्मक रूप से सशक्त करने की जरूरत बताई। गजेंद्र सिंह शेखावत ने बलवंत ठाकुर की बातों को गंभीरता से सुना और उनके बहुमूल्य अंतरराष्ट्रीय अनुभव का उपयोग राष्ट्र के सांस्कृतिक विकास में करने की इच्छा जताई।
हिन्दुस्थान समाचार / राहुल शर्मा