Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
मीरजापुर, 19 जून (हि.स.)। काम की जगह पर सम्मान चाहिए, सुरक्षा चाहिए और हक भी! यही संदेश लेकर गुरुवार को कलेक्ट्रेट सभागार में अफसरों की बैठक में गरज उठी प्रशासन की चेतावनी। मुख्य विकास अधिकारी विशाल कुमार ने दो टूक कहा कि अब बहाना नहीं चलेगा, दो दिन में ‘आंतरिक समिति’ बनाओ, नहीं तो कार्रवाई तय है।
यह निर्देश जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन के निर्देश पर आयोजित उस अहम बैठक में दिया गया, जिसमें कार्यस्थल पर महिलाओं के लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध एवं प्रतितोष) अधिनियम-2013 के अनुपालन की समीक्षा की जा रही थी।
बैठक में स्पष्ट किया गया कि सरकारी या गैर-सरकारी हर उस संस्थान में जहां दस या उससे ज्यादा लोग काम करते हैं, वहां ‘आंतरिक समिति’ बनाना कानूनन ज़रूरी है। बावजूद इसके कई विभागों ने अब तक आंखें मूंद रखी हैं। इस लापरवाही पर सीडीओ ने सख्त नाराज़गी जताई और कहा कि अब दो दिन का अल्टीमेटम है, लिस्ट बनाओ और जिला प्रोबेशन ऑफिस में भेजो। बैठक में मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. सीएल वर्मा, सभी खंड विकास अधिकारी, तहसीलदार दीक्षा पांडेय, सामाजिक कार्यकर्ता नंदिनी मिश्रा, अधिवक्ता सुनीता गुप्ता सहित कई महत्वपूर्ण विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।
अब दीवारें बोलेंगी—कौन सुनेगा महिलाओं की बात
सीडीओ ने निर्देश दिया कि जिस दफ्तर में समिति बने, वहां की दीवारों पर अध्यक्ष और सदस्यों के नाम व मोबाइल नंबर पेंट कराए जाएं। ताकि अगर कोई महिला अधिकारी या कर्मचारी असहजता महसूस करे तो जान सके कि कहां और किससे बात करनी है। जिन दफ्तरों में दस से कम लोग हैं, वहां जिला स्तरीय समिति के नंबर लिखे जाएंगे।
नाम का गठन नहीं चलेगा, काम का करना होगा
बैठक में जिला प्रोबेशन अधिकारी शक्ति त्रिपाठी ने कहा कि कई महिलाएं चुप रह जाती हैं, डर जाती हैं, लेकिन आंतरिक समिति उनके लिए एक उम्मीद है, एक सहारा है। यह समिति केवल फॉर्म भरने की औपचारिकता न बन जाए, इसे संवेदनशीलता और प्रतिबद्धता के साथ काम करना होगा।
हम बोलना चाहती हैं, सुना जाए हमें
बैठक खत्म होने के बाद कुछ महिला अधिकारियों की प्रतिक्रिया आई। एक अधिकारी ने कहा कि अब तक कई बार शिकायत दबा दी जाती थी। लेकिन जब समिति का नाम, पद और नंबर दीवार पर दिखेगा, तो हमें लगेगा कि हमारी बात सुनी जाएगी। एक अन्य महिला कर्मचारी बोली कि हमें एक भरोसेमंद प्लेटफॉर्म चाहिए, जहां हम डर के बिना अपनी बात कह सकें।
हिन्दुस्थान समाचार / गिरजा शंकर मिश्रा