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गोरखपुर, 19 जून (हि.स.)। मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय को एक बार फिर से विश्व के शीर्ष विश्व विद्यालयों की सूची में जगह मिली है। इस बार एम एम एम यू टी ने टाइम्स हायर एजुकेशन यूनिवर्सिटी सस्टेनेबिलिटी रैंकिंग 2025 में जगह बनाई है। इस रैंकिंग में भारत से कुल 135 सरकारी/गैर सरकारी विश्वविद्यालयों/ संस्थानों को ही जगह मिली है।
भारत से शामिल विश्वविद्यालयों में से उत्तर प्रदेश के केवल चार राज्य विश्वविद्यालय ही इस सूची में शामिल हैं। उत्तर प्रदेश से एम एम एम यू टी के अलावा जिन चार सरकारी विश्वविद्यालयों को जगह मिली है। वे हैं महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय, बरेली; बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, झांसी एवं दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय। इनमें से रुहेलखंड विश्वविद्यालय को 1001 से 1500 रैंक बैंड में जगह मिली हैं जबकि एम एम एम यू टी, बुंदेलखंड विश्वविद्यालय और डीडीयूजीयू को विश्व में 1501+ रैंक बैंड में जगह मिली है। वर्ष 2025 की रैंकिंग में दुनिया के 130 देशों के कुल 2,526 विश्वविद्यालयों ने इसमें हिस्सेदारी की थी।
वर्ष 2019 में शुरू हुई टाइम्स हायर एजुकेशन (THE) यूनिवर्सिटी सस्टेनेबिलिटी रैंकिंग का उद्देश्य यह जानना है कि दुनिया भर के विश्वविद्यालय संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों जैसे कि गरीबी उन्मूलन, भुखमरी उन्मूलन, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, लैंगिक समानता, स्वच्छता एवं पर्यावरण, स्वच्छ ऊर्जा आदि को प्राप्त करने की दिशा में कितना योगदान कर रहे हैं। जो विश्वविद्यालय सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति में जितना ज्यादा योगदान करते हैं, इस रैंकिंग में उनका स्थान उतना ऊंचा होता है। इस रैंकिंग से संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) की प्राप्ति के प्रति विश्वविद्यालयों की प्रतिबद्धता और प्रभाव का ठीक ठीक आंकलन कर पाना संभव होता है। सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति की दिशा में विश्वविद्यालय द्वारा किया अनुसंधान, लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु भौतिक एवं मानव संसाधन का प्रबंधन, लक्ष्यों की प्राप्ति में सामूहिक सहभागिता बढ़ाने में योगदान, एवं सभी लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु शिक्षण के माध्यम से आवश्यक मानव संसाधन तैयार करने में विश्वविद्यालय के योगदान को आधार बनाते हुए यह रैंकिंग की जाती है।
निदेशक, आई क्यू ए सी प्रो वी एल गोले ने बताया कि एम एम एम यू टी ने पहली बार इस रैंकिंग में प्रतिभाग किया था। एम एम एम यू टी ने सतत विकास लक्ष्य 17: सामूहिक साझेदारी के अलावा सतत विकास लक्ष्य 3: अच्छा स्वास्थ्य एवं कल्याण, सतत विकास लक्ष्य 6: शुद्ध पेयजल एवं स्वच्छता, तथा सतत विकास लक्ष्य 7: स्वच्छ एवं सस्ती ऊर्जा का चुनाव किया था और इन लक्ष्यों की प्राप्ति की दिशा में अपने योगदान को रेखांकित करते हुएये विवरण प्रस्तुत किया था। एम एम एम यू टी को सतत विकास लक्ष्य 6: शुद्ध पेयजल एवं स्वच्छता में कुल 43.9 अंकों के साथ विश्व में 401 से 600 रैंक बैंड में रखा गया है। इसी प्रकार सतत विकास लक्ष्य 7: स्वच्छ एवं सस्ती ऊर्जा में कुल 44.7 अंकों के साथ विश्व में 601 से 800 रैंक बैंड में रखा गया है। सतत विकास लक्ष्य 3: अच्छा स्वास्थ्य एवं कल्याण में एम एम एम यू टी को कुल 28.3 अंक प्राप्त हुए हैं जिसके आधार पर विश्व में 1001से 1500 रैंक बैंड में रखा गया है। सतत विकास लक्ष्य 17: सामूहिक साझेदारी में कुल 41.6 अंकों के साथ विश्व में 1501+ में रखा गया है। चारों लक्ष्यों को मिलाकर कुल 41.4 अंकों के साथ ओवरऑल रैंकिंग में एम एम एम यू टी को विश्व में 1501 रैंक बैंड में रखा गया है।
रैंकिंग की जानकारी मिलने पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो जे पी सैनी सहित विभिन्न शिक्षकों ने एक दूसरे को बधाई दी। कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय सतत विकास लक्ष्यों की पूर्ति में अपना योगदान बढ़ाने के लिए दृढ़ संकल्पित है। इसलिए विश्वविद्यालय ने यह निर्णय लिया है कि विश्वविद्यालय में पी एच डी कर रहे सभी विद्यार्थियों द्वारा चुनी गई शोध समस्या या प्रकाशित किए जा रहे शोध पत्रों को संयुक्त राष्ट्र के किसी न किसी सतत विकास लक्ष्य से जुड़ा होना आवश्यक है तथा समस्त शोध पत्रों में संबंधित सतत विकास लक्ष्य का उल्लेख करना आवश्यक होगा। इसके साथ ही बाह्य वित्तीय सहायत हेतु प्रेषित किए जा रहे शोध प्रस्तावों, एवं विश्वविद्यालय में अन्य शोधों को भी सतत विकास लक्ष्यों की पूर्ति से जोड़े जाने के प्रयास कर रहे हैं। उम्मीद है कि इन प्रयासों के अच्छे परिणाम निकट भविष्य में देखने को मिलेंगे।
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हिन्दुस्थान समाचार / प्रिंस पाण्डेय