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रांची, 19 जून (हि.स.)। झारखंड ने स्वच्छ और सुरक्षित ऊर्जा की दिशा में एक बड़ा कदम बढ़ाते हुए गुरुवार को नेपाल हाउस स्थित योजना भवन सभागार में एक ऐतिहासिक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया। यह समझौता योजना एवं वित्त विकास विभाग, झारखंड सरकार और स्वानिति इनिशिएटिव के बीच हुआ, जिसका उद्देश्य है राज्य के ऊर्जा क्षेत्र में शून्य कार्बन उत्सर्जन सुनिश्चित करने के लिए एक सशक्त ढांचा तैयार करना है।
एमओयू में योजना एवं विकास विभाग की ओर से संयुक्त सचिव अनिलसन लकड़ा और स्वानिति इनिशिएटिव की ओर से ट्रस्टी उमा भट्टाचार्य ने हस्ताक्षर किया।
इस अवसर पर योजना एवं वित्त विकास विभाग मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने विशेष रूप से मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि झारखंड कोयला आधारित विद्युत उत्पादन में अग्रणी है। लेकिन अब समय है कि हम ऊर्जा के स्वच्छ और सतत स्रोतों की ओर बढ़ें। एमओयू की यह पहल, राज्य के भविष्य की ऊर्जा सुरक्षा और पर्यावरणीय संतुलन के लिए मील का पत्थर होगा।
मंत्री ने योजना विभाग को मदर ऑफ ऑल डिपार्टमेंट्स बताते हुए विभाग की इस पहल की सराहना की। और इसे झारखंड के सर्वांगीण विकास से जोड़ा। उन्होंने कहा कि यह फ्रेमवर्क झारखंड को भारत में पहला ऐसा राज्य बनाएगा। जहां यह मॉडल लागू होगा। राज्य को एशिया का पहला ऐसा राज्य बनाएगा। जो एनर्जी ट्रांजेशन रेडीनेस इंडेक्स के साथ शून्य कार्बन उत्सर्जन की दिशा में लक्ष्य को पूरा करेगा।
इस अवसर पर विभाग के सचिव मुकेश कुमार, विशेष सचिव राजीव रंजन सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
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हिन्दुस्थान समाचार / Manoj Kumar