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—भूख पीड़ितों की नियमित सेवा ही अनाज बैंक की पहचान:डॉ अर्चना
वाराणसी, 19 जून (हि.स.)। सामाजिक संस्था विशाल भारत संस्थान की सेवा के 33 साल की यात्रा पूरी होने पर गुरूवार को संस्था के अनाज बैंक ने 105 गरीब महिलाओं में अनाज वितरित किया। इस अवसर पर लमही स्थित सुभाष भवन में आयोजित युद्ध की विभीषिका में भूख की समस्या और अनाज बैंक की आवश्यकता विषयक गोष्ठी में संस्था के पदाधिकारियों ने अपनी संघर्ष यात्रा और उपलब्धियों का खास तौर पर उल्लेख किया।
वक्ताओं ने बताया कि संस्थान ने चिल्ड्रेन्स पार्लियामेंट, अनाज बैंक एवं चिल्ड्रेन्स बैंक जैसे अन्तर्राष्ट्रीय मॉडल दिए। सुभाष भवन जैसे घर की संकल्पना दी, जिसमें सभी जातियों एवं धर्मों के लोग एक साथ रहकर राष्ट्र निर्माण कर रहे हैं। आजादी के महानायक सुभाष चन्द्र बोस को परम पावन राष्ट्रदेवता की उपाधि के साथ विश्व के पहले सुभाष मन्दिर का निर्माण कराया। असम, कश्मीर एवं तेलंगाना में लोगों को जड़ों से जुड़ने के लिए अभियान चलाया। हिन्दी के साहित्यकार डॉ कवीन्द्र नारायण ने बतौर मुख्य अतिथि संस्था के सेवा कार्यो की सराहना की और बताया कि संस्थान अनाज बैंक के जरिये वर्तमान के भूख संकट को हल करने में लगा है। राष्ट्रीय महासचिव डॉ अर्चना भारतवंशी ने कहा कि युवाओं में सेवा और त्याग की भावना विकसित करने संस्थान अब अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर युवाओं को आकर्षित कर रहा है। मानवीय रिश्तों को मजबूत बनाने, भूख पीड़ितों की सेवा, कूड़ा बीनने वाले बच्चों एवं आदिवासी बच्चों को शिक्षित करने, वंचित एवं निराश्रित बच्चों का पालन पोषण में भी संस्थान अपना योगदान दे रहा है। गोष्ठी में संस्थान के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ निरंजन श्रीवास्तव,अनाज बैंक के डिप्टी चेयरमैन ज्ञान प्रकाश ने भी विचार रखा। संचालन डॉ नजमा परवीन और धन्यवाद अनिल कुमार पाण्डेय ने दिया।
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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी