शरण मे आने वालों का कल्याण करते है भगवान : श्रीकांत शर्मा
रांची, 19 जून (हि.स.)। अग्रसेन भवन के सभागार में श्रीमदभागवत कथा का समापन गुरुवार को हो गया। कथा के सातवें दिन मुख्यसार को बताते हुए श्रीकांत महाराज ने कहा कि भगवान के शरण में आने वालों का कल्याण करते हैं। उन्होंने खाकी जो भी भगवान उनकी शरण में आ
भागवत कथा सुनाते श्रीकांत महाराज


रांची, 19 जून (हि.स.)। अग्रसेन भवन के सभागार में श्रीमदभागवत कथा का समापन गुरुवार को हो गया।

कथा के सातवें दिन मुख्यसार को बताते हुए श्रीकांत महाराज ने कहा कि भगवान के शरण में आने वालों का कल्याण करते हैं।

उन्होंने खाकी जो भी भगवान उनकी शरण में आ जाता है उसका कल्याण होता है। शरण में आने वालों के कल्याण के लिए भगवान अपने ऊपर कलंक तक ले लेते हैं। लेकिन शरणागत को निराश नहीं करते हैं। भगवान को जिसने भी स्वीकार किया वह भगवान का हो गया।।भगवान शरणागत को स्वीकार करने के साथ-साथ समाज में उसके सम्मान की प्रतिष्ठा भी करते हैं।

भगवान कृष्ण की आठ पटरानियां ओर 16 हजार एक सौ रानियां थी। कर्मकांड के 16 हजार एक सौ मंत्र है। उन्होंने भगवान के साथ रमन की इच्छा व्यक्त की थी। इसके बाद में कन्या के रूप में धरती पर आये। इन 16 हजर्व के सौ कन्याओं को भगवान भौमासुर नामक एक असूल ने बंदी बना लिया था। भगवान ने इन असुर को मार कर इनका उद्धार किया। इसके बाद इन कन्याओं को उनके घर भेजने का प्रस्ताव दिया। तब उन्होंने कहा कि वे असुर के जेल में रह चुकी है, समाज में उन्हें विवाह के लिए कौन स्वीकार करेगा और समाज में प्रतिष्ठा दिलाएगा, जिसे कोई स्वीकार नहीं करता है। उसे भगवान स्वीकार कर लेते हैं। इन कन्याओं को समाज में प्रतिष्ठा दिलाने के लिए भगवान ने उन्हें अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि इस तरह से भगवान ने यह शिक्षा दी कि जो भी उनकी शरण में आएगा उनका कल्याण होगा।

भगवान शरणागत को नहीं छोड़ सकते हैं, यह मानी हुई बात है। इसलिए जो उनकी शरण में जाता है उनका कल्याण होता है। राम और कृष्ण दोनों ने ही नारियों के सम्मान की रक्षा की है। श्रीराम ने सीता के उद्धार के लिए रावण और अन्य असुरों का वध किया तो कृष्ण चंद्र ने नारी सम्मान की रक्षा के लिए भौमासुर और अन्य असुरों का वध किया। गोपियों को आनंद देने वाले द्रोपदी की लाज बचाने वाले श्री कृष्ण कहीं गए नहीं है। भक्ति करोगे तो यत्र तत्र सर्वत्र वो दिखने लगेंगे।

परम पूज्य बाल व्यास श्रीकांत शर्मा ने श्रीमद्भागवत कथा के सप्तम दिवस की कथा सुननेवालों में ओमप्रकाश केडिया ,निरंजन केडिया ,अजय केडिया, संजय केडिया,निर्मल बुधिया,प्रमोद सारस्वत,पवन मंत्री श्रबन जालान, पवन शर्मा, गौरव अग्रवाल सहित काफी संख्या में लोगो ने कथा श्रवण किया। सप्तम दिवस की कथा की आरती के साथ विराम की गई।

कथा विराम के साथ हवन, पूर्णाहुति सहित यजमान की ओर से गुरुजी का स्वागत किया गया।

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हिन्दुस्थान समाचार / Vinod Pathak