आपदा नहीं डराएगी, जब गांव खुद बनेगा बचाव का सिपाही!
— एनडीआरएफ का ‘फमेक्स’ ट्रेनिंग कैंप जोश के साथ जारी — गांव-गांव गूंज रहा है—‘सजग रहें, सुरक्षित रहें’ मीरजापुर, 19 जून (हि.स.)। अब बाढ़ हो या आकाशीय बिजली, सर्पदंश हो या तूफान से अब ग्रामीण डरेंगे नहीं, मुकाबला करेंगे। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण
आपदा प्रबंधन पर बोलते एनडीआरएफ उप महानिरीक्षक मनोज कुमार शर्मा।


— एनडीआरएफ का ‘फमेक्स’ ट्रेनिंग कैंप जोश के साथ जारी

— गांव-गांव गूंज रहा है—‘सजग रहें, सुरक्षित रहें’

मीरजापुर, 19 जून (हि.स.)। अब बाढ़ हो या आकाशीय बिजली, सर्पदंश हो या तूफान से अब ग्रामीण डरेंगे नहीं, मुकाबला करेंगे। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और एनडीआरएफ की साझी पहल पर 14 दिवसीय ‘फमेक्स’ प्रशिक्षण गांवों में जोरों पर है। मकसद साफ है, आपदा आने से पहले ही गांव को इतना मजबूत बना दिया जाए कि वह खुद अपनी हिफाज़त कर सके।

जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन और एनडीआरएफ उप महानिरीक्षक मनोज कुमार शर्मा की अगुवाई में यह विशेष प्रशिक्षण संवेदनशील पंचायतों में चलाया जा रहा है। एडीएम अजय कुमार सिंह की देखरेख में नाविक, गोताखोर, ग्राम प्रधान, आपदा मित्र और आम नागरिक—हर किसी को जीवन रक्षक स्किल सिखाई जा रही है।

‘क्या करें और क्या न करें’ की बारीकियों के साथ सीपीआर, फर्स्ट एड, रस्सी बचाव, ट्यूब फ्लोटिंग और घरेलू संसाधनों से बचाव उपकरण बनाने जैसे प्रैक्टिकल भी हो रहे हैं। एनडीआरएफ निरीक्षक इंद्रदेव कुमार के नेतृत्व में टीमें पंचायत भवनों और स्कूल परिसरों में जाकर यह प्रशिक्षण दे रही हैं।

अब गांव खुद बोलेगा—हम तैयार हैं

गांवों के चयन में उनकी आपदा संवेदनशीलता को ध्यान में रखा गया है। जिन क्षेत्रों में हर साल बाढ़ या बिजली गिरने की घटनाएं होती हैं, वहां टीमों ने विशेष ध्यान दिया है। अब गांव के प्रधान से लेकर नाविक तक कह रहे हैं कि पहले डर लगता था, अब तैयारी है।

हिन्दुस्थान समाचार / गिरजा शंकर मिश्रा