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यूपी किसान कांग्रेस ने कहा, मत्स्य पालकों को कृषि की सुविधाएं भी मिले
वाराणसी,19 जून (हि.स.)। उत्तर प्रदेश किसान कांग्रेस पूर्वी जोन ने आरोप लगाया है कि प्रदेश के पूर्ववर्ती सरकार में मत्स्य पालन (मछली पालन) को कृषि का दर्जा मिलने के बावजूद पालकों को कृषि की सुविधाएं नही मिल रही। मत्स्य पालकों को कृषि दर पर पानी भराव के लिये बिजली आपूर्ति और अनुदानित दर पर ऋृण मिलना चाहिए।
पूर्वी जोन के प्रदेश प्रवक्ता संजय चौबे ने कचहरी स्थित एक रेस्टोरेंट में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि मछली पालकों को भी प्राकृतिक आपदा से बचाव के लिए बीमा सुरक्षा, विपणन, अभिलेखों के पंजीयन में स्टाम्प शुल्क मे छूट मिलनी चाहिए। साथ ही सरकार इन योजनाओं का व्यापक स्तर पर प्रचार प्रसार करें।
कांग्रेस नेता ने कहा कि पिछले 11 वर्षों से मत्स्य पालकों को कृषि की सुविधायें नहीं मिल पा रही। दो साल पहले यदि कोई मत्स्य पालक पोखरा खोदवाकर बिजली का कनेक्शन लेने जाता था तो अधिकारी सीधे कामर्शियल रेट पर एस्टीमेट बना देते थे। लेकिन आज की स्थिति यह है कि विभाग में मत्स्य को कृषि का दर्जा मिलने के आदेश की कोई कापी नही है ऐसा अधिकारी कहते है। कई अधिशासी अभियंता कहते हैं कि ऐसा कोई आदेश पारित हुआ है तो उसकी कापी लेकर आइये, तो बताएंगे। दुर्भाग्य है कि आदेश पारित हुए 11 साल हो गये। इन 11 वर्षों में मत्स्य पालकों का कितना शोषण हुआ होगा, यह जांच का विषय है। इस शर्मनाक स्थिति के लिए तो उर्जा मंत्री और प्रदेश के मत्स्य मंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिये।
सरकारों ने इस मद में कितना बजट पास किया और संबधित विभागों ने किसानों को कितना लाभ पहुंचाया यह भी जांच का विषय है। इसकी जांच यदि सुप्रीम कोर्ट की देखरेख में एसआईटी गठित कर कराई जाय तो सच्चाई सामने आ सकती है।
संजय चौबे ने कहा कि मछली पालकों को कृषि दर पर बिजली, विपणन की सुविधा, किसान के क्रेडिट कार्ड या आधारकार्ड पर अनुदानित लोन देना चाहिए। बैंकों के कर्मचारी किसानों के तालाब पर जाकर उनकी मछलियों के बायोमास का बीमा सस्ती दर पर करें तभी मत्स्य को संपदा बनाकर किसानों की आय बढ़ाई जा सकती है।
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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी