29वीं वार्षिक सिंधु दर्शन यात्रा जम्मू से रवाना, एकता और आध्यात्मिकता का प्रतीक बना ऐतिहासिक आयोजन
जम्मू, 19 जून (हि.स.)। आध्यात्मिक ऊर्जा और राष्ट्रीय एकता के भाव से ओतप्रोत 29वीं वार्षिक सिंधु दर्शन यात्रा का वीरवार को भव्य शुभारंभ जम्मू से किया गया। सिंधु दर्शन उत्सव समिति द्वारा आयोजित इस ऐतिहासिक यात्रा को जम्मू से विधिवत् झंडी दिखाकर रवाना क
29वीं वार्षिक सिंधु दर्शन यात्रा जम्मू से रवाना, एकता और आध्यात्मिकता का प्रतीक बना ऐतिहासिक आयोजन


जम्मू, 19 जून (हि.स.)। आध्यात्मिक ऊर्जा और राष्ट्रीय एकता के भाव से ओतप्रोत 29वीं वार्षिक सिंधु दर्शन यात्रा का वीरवार को भव्य शुभारंभ जम्मू से किया गया। सिंधु दर्शन उत्सव समिति द्वारा आयोजित इस ऐतिहासिक यात्रा को जम्मू से विधिवत् झंडी दिखाकर रवाना किया गया।

समारोह में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सत शर्मा, बहु विधायक व समिति के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चौ. विक्रम रंधावा, पूर्व उपमहापौर व प्रदेश समिति सदस्य एडवोकेट पूर्णिमा शर्मा, समिति अध्यक्ष अजय गुप्ता, अखिल भारतीय समिति सदस्य सतीश मित्तल, यात्रा प्रभारी नरेंद्र अग्रवाल और संस्कार भारती से अजय शर्मा सहित कई गणमान्यजन उपस्थित रहे।

सिंधु दर्शन यात्रा की शुरुआत 1997 में तत्कालीन उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी द्वारा मात्र 30 श्रद्धालुओं के साथ की गई थी। आज यह यात्रा 1,500 से अधिक श्रद्धालुओं को जोड़ते हुए राष्ट्रीय एकता, सांस्कृतिक विरासत और आध्यात्मिक चेतना का जीवंत प्रतीक बन चुकी है। इस वर्ष यात्रा जम्मू से प्रारंभ होकर श्रीनगर में पहला पड़ाव, कारगिल में दूसरा और लेह में अंतिम पड़ाव करेगी। लेह में 23 से 26 जून तक विविध सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे, जबकि 24 जून को सिंधु घाट पर धार्मिक व सांस्कृतिक स्नान कार्यक्रम होगा। यात्रा कुल 11 दिनों की है।

भाजपा अध्यक्ष शर्मा ने अपने संबोधन में कहा, सिंधु दर्शन यात्रा मात्र धार्मिक यात्रा नहीं, बल्कि हमारी प्राचीन सभ्यता, राष्ट्रीय एकता और सांस्कृतिक पुनर्जागरण का प्रतीक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में आध्यात्मिक चेतना का व्यापक जागरण हुआ है और जम्मू इस पुण्य यात्रा का आरंभिक स्थल बनकर गौरवान्वित है। चौ. विक्रम रंधावा ने कहा, सिंधु नदी भारत की आत्मा है। यह यात्रा देश की भौगोलिक सीमाओं से परे हमारी आस्था और राष्ट्रभक्ति का प्रतीक है। हर यात्री की सुविधा व सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है।

एडवोकेट पूर्णिमा शर्मा ने इसे भारत की एकता में विविधता का सशक्त प्रतीक बताया और कहा कि यह यात्रा राष्ट्रीय स्तर पर सिंधु दर्शन की महत्ता को और ऊंचा उठाएगी। यात्रा समिति के अध्यक्ष अजय गुप्ता ने 29वें आयोजन पर गर्व व्यक्त करते हुए घोषणा की कि अगले वर्ष 30वीं सिंधु दर्शन यात्रा को कुंभ यात्रा के रूप में भव्यता से मनाया जाएगा। यह यात्रा जहां श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक आनंद प्रदान करती है, वहीं यह राष्ट्रीय एकता और सांस्कृतिक गौरव का भी उत्सव बन चुकी है।

हिन्दुस्थान समाचार / राहुल शर्मा