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देहरादून, 18 जून (हि.स.)। भारत-चीन सीमा से सटे अत्यंत दुर्गम और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्रों तक बिजली पहुंचाने के लिए उत्तराखंड सरकार ने कार्य योजना तैयार कर ली है। वाइब्रेंट विलेज को विद्युत लाइन से जोड़़ने के लिए निविदा प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और अब इस योजना पर कार्य शुरू हो जाएगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यह पहल की है। उत्तराराखंड पॉवर कॉरपोरेशन ने भारत सरकार की बॉर्डर आउट पोस्ट योजना और वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत इसकी कार्य योजना तैयार की। योजना के मुताबिक पिथौरागढ़, उत्तरकाशी और चमोली जिलों के भारत-चीन सीमा से सटे कुल 43 आईटीबीपी आउट पोस्ट्स और वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत चिन्हित कुल 08 सीमावर्ती गांव के 882 घरों तक ग्रिड आधारित बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए निविदा की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।
वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत उत्तरकाशी जिले का पुराली गांव, पिथौरागढ जिले के नवी, कुटटी, गूंजी, गरबयांग, शीला, बलिंग व तिडांग गांव के कुल 882 घरों को इस योजना का लाभ मिलेगा। वर्तमान में सर्वेक्षण कार्य प्रगति पर है, जिसमें तकनीकी आंकलन, लाइन रूट निर्धारण, पोल लोकेशन, परिवर्तक प्लानिंग व अन्य बुनियादी तैयारियां की जा रही हैं। इन पहाड़ी इलाकों में मौसम की विषम परिस्थितियाँ और सीमित पहुंच होने के बावजूद, यूपीसीएल युद्धस्तर पर कार्य कर रहा है।
यूपीसीएल के प्रबंध निदेशक अनिल यादव ने बताया कि मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में यह दोनों योजनाएं राष्ट्रीय सुरक्षा व ग्रामीण सशक्तिकरण की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। सीमा से लगे क्षेत्रों में बिजली की उपलब्धता से अब न केवल आईटीबीपी चौकियों की कार्यक्षमता में वृद्धि होगी, बल्कि स्थानीय नागरिकों को भी शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार तथा डिजिटल कनेक्टिविटी जैसी सुविधाओं से जोड़ा जा सकेगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / Vinod Pokhriyal