अपात्र लोगों का फर्जी आयुष्मान कार्ड बनाने वाले गिरोह का मास्टर माइंड समेत दो गिरफ्तार
--एसटीएफ मुख्यालय लखनऊ की टीम ने किया खुलासा, कई फर्जी व कूट रचित आयुष्मान कार्ड बरामद प्रयागराज, 18 जून (हि.स.)। फर्जी एवं अपात्र लोगों को आयुष्मान कार्ड बनाने वाले गिरोह का खुलासा करते हुए एसटीएफ मुख्यालय लखनऊ की टीम ने बुधवार को नवाबगंज थाना क्षे
गिरफ्तार किए गए फर्जी आयुष्मान कार्ड बनाने वाले गिरोह के सदस्यों का छाया चित्र


--एसटीएफ मुख्यालय लखनऊ की टीम ने किया खुलासा, कई फर्जी व कूट रचित आयुष्मान कार्ड बरामद

प्रयागराज, 18 जून (हि.स.)। फर्जी एवं अपात्र लोगों को आयुष्मान कार्ड बनाने वाले गिरोह का खुलासा करते हुए एसटीएफ मुख्यालय लखनऊ की टीम ने बुधवार को नवाबगंज थाना क्षेत्र से ​मास्टरमाइंड समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया। टीम ने गिरोह के कब्जे से दो मोबाइल, 84 फर्जी व कूटरचित आयुष्मान कार्ड, 112 वर्क कूटरचित आयुष्मान समेत अन्य दस्तावेज बरामद किया है।

गिरफ्तार आरोपितों में मास्टरमाइंड नवाबगंज थाना क्षेत्र के सेराना पाण्डेय का पुरवा गांव निवासी अमित पाण्डेय पुत्र विशाल पाण्डेय और इसका दूसरा साथी सोरांव थाना क्षेत्र के पसियापुर गांव निवासी बृज भुवन पटेल पुत्र रामसुफल है।

एसटीएफ मुख्यालय लखनऊ अपर पुलिस अधीक्षक विशाल सिंह ने बताया कि एसटीएफ मुख्यालय साइबर टीम को शिकाएतें मिल रही थी कि उप्र के विभिन्न जनपदों में कुछ लोग फर्जी तरह से अपात्र लोगों को फर्जी आयुष्मान कार्ड बना रहें है। प्रदेश की सभी जनपदों की एसटीएफ इकाइयों को सक्रिय किया गया था। इस अभियान के तहत बुधवार को नवाबगंज थाना क्षेत्र से उक्त दोनों आरोपितों को गिरफ्तार किया।

पूछताछ में गिरोह के मास्टरमाइंड अमित पांडेय ने बताया कि एमए की​ शिक्षा ग्रहण करने के बाद रोजगार की तलाश में मैंने 2020—21 में डिजिटल इण्डिया आत्मनिर्भर स्कीम के तहत सीएससी जन सेवा केन्द्र का प्रशिक्षण करने के बाद ऑनलाइन काम करने का लाइसेंस पाया। जिसके तहत मुझे आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए आईडी प्राप्त हुई थी। हालांकि 2021 के बाद उसका सीएससी बंद हो गई। इस दौरान उसने काम करने का अच्छा अनुभव लिया। इस दौरान उसकी पहचान और सम्बन्ध बन गया था। जिसका लाभ उठाते हुए बेनी फिसरी के माध्यम से फर्जी तरीके से आयुष्मान कार्ड बनाने लगा। हालांकि 2024 में फेसबुक आईडी के माध्यम से बिहार के पटना निवासी सुनित मंडल से दोस्ती हो गई और उसने कहा कि मै तुम्हारी मदद करूंगा लेकिन मुझे 3500 से 5000 चाहिये। इसके बाद मै प्रयागराज शहर के चिन्हित अस्पतालों से अपने साथी के माध्यम प्रति कार्ड 12 हजार से 15 हजार रुपए लेकर लोगों से लेकर आयुष्मान कार्ड बनाने लगा। दो सौ से अधिक मैंने अब तक इस तरह कार्ड बनाया है।

पकड़े गए दोनों आरोपितो के खिलाफ नवाबगंज थाने में मुकदमा दर्ज करके विधिक कार्रवाई की जा रही है।

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हिन्दुस्थान समाचार / रामबहादुर पाल