दिव्यांगजनों की सुलभ शिक्षा के लिए त्रिपक्षीय एमओयू पर हस्ताक्षर
नई दिल्ली, 18 जून (हि.स.)। दिव्यांगजनों को समावेशी शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से बुधवार को नई दिल्ली में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के अधीन दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग (डीईपीडब्ल्यूडी), राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) औ
दिव्यांगजनों के लिए शिक्षा को सुलभ बनाने के लिए त्रिपक्षीय एमओयू पर हस्ताक्षर के दौरान केंद्रीय मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार, धर्मेंद्र प्रधान।


नई दिल्ली, 18 जून (हि.स.)। दिव्यांगजनों को समावेशी शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से बुधवार को नई दिल्ली में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के अधीन दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग (डीईपीडब्ल्यूडी), राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) और राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) के बीच त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। एमओयू हस्ताक्षर के अवसर पर केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार और केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, डीईपीडब्ल्यूडी के सचिव राजेश अग्रवाल और स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग के सचिव संजय कुमार आदि उपस्थित रहे।

इस अवसर पर केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने कहा कि दिव्यांग बच्चे भी अपार क्षमताओं से युक्त होते हैं। सही मंच मिलने पर वे समाज को नई दिशा दे सकते हैं। यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उस दृष्टिकोण का हिस्सा है जिसमें हर बच्चे को समान शिक्षा का अधिकार मिले।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने शिक्षा को जीवन की आधारशिला बताते हुए कहा कि समाज को दिव्यांगता के प्रति और अधिक संवेदनशील होना होगा। स्कूलों में सुलभ शौचालयों की सुविधा सुनिश्चित करने के लिए मिशन मोड में कार्य शुरू किया गया है ताकि कोई बच्चा बुनियादी सुविधाओं की कमी के कारण पढ़ाई न छोड़े।

इस एमओयू के प्रभावी क्रियान्वयन और समन्वय के लिए संयुक्त समन्वय समिति (जेसीसी) का गठन किया जाएगा, जिसमें तीनों संस्थानों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। यह समिति कार्यों की प्रगति की निगरानी करेगी और समय पर उद्देश्यों की प्राप्ति सुनिश्चित करेगी।

यह समझौता 'दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016' और राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अनुरूप समावेशी शिक्षा की मजबूत नींव रखने की दिशा में एक अहम पहल है। इसका उद्देश्य दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए समान और सुलभ शैक्षिक अवसर सुनिश्चित करना है।

एनआईओएस के अंतर्गत विशेष मान्यता प्राप्त संस्थान (एसएआईईडी) की स्थापना की जाएगी, जिनमें वे विशेष विद्यालय शामिल होंगे जिन्हें डीईपीडब्ल्यूडी की दीनदयाल दिव्यांग पुनर्वास योजना (डीडीआरएस) के तहत अनुदान प्राप्त होता है। इन संस्थानों में ओपन बेसिक एजुकेशन (स्तर ए, बी, और सी), माध्यमिक, उच्च माध्यमिक एवं व्यावसायिक पाठ्यक्रमों की पढ़ाई कराई जाएगी।

एनआईओएस इन छात्रों के प्रवेश, परीक्षा पंजीकरण, स्वअध्ययन सामग्री (एसएलएमएस) वितरण, पहचान पत्र, हॉल टिकट और प्रमाण पत्र जारी करने की जिम्मेदारी निभाएगा। साथ ही, परीक्षाओं में दिव्यांग छात्रों को विशेष सहूलियतें और छूट प्रदान की जाएंगी।

एनसीईआरटी द्वारा पाठ्यक्रम और पाठ्य पुस्तकों की समीक्षा कर उन्हें दिव्यांग छात्रों की आवश्यकताओं के अनुसार संशोधित किया जाएगा, ताकि वे एनईपी 2020 की समावेशी एवं सुलभ शिक्षा की दृष्टि के अनुरूप हों।

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हिन्दुस्थान समाचार / सुशील कुमार