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लखनऊ, 18 जून (हि.स.)। प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि प्रदेश के किसानों को खरीफ फसलों की बुवाई एवं गन्ने की टॉप-ड्रेसिंग के लिए नत्रजनिक एवं फास्फेटिक उर्वरकों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। वर्तमान में प्रदेश में 15.96 लाख मीट्रिक टन यूरिया एवं 5.87 लाख मीट्रिक टन फास्फेटिक (डीएपी/एनपीके) उर्वरक उपलब्ध हैं। श्री शाही ने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों को उनकी आवश्यकता के अनुसार उर्वरकों की निर्बाध आपूर्ति के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
कृषि मंत्री ने बताया कि प्रदेश सरकार भारत सरकार के सतत समन्वय से विगत वर्षों की भांति इस खरीफ सीजन में भी उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित कर रही है। किसानों को सलाह दी गई है कि वे किसी एक ब्रांड को लेकर भ्रमित न हों। वर्तमान में भारत यूरिया अथवा भारत डीएपी जैसे नामों से अलग-अलग कंपनियों के उत्पाद उपलब्ध हैं, जो गुणवत्ता की दृष्टि से समान हैं। किसानों से आग्रह किया गया है कि वे केवल वर्तमान में फसलों की आवश्यकता के अनुसार ही उर्वरक क्रय करें और आगामी फसलों के लिए पूर्व से उर्वरकों का भंडारण न करें, जिससे सभी किसानों को समय पर खाद मिल सके।
श्री शाही ने कहा कि उर्वरकों की कालाबाजारी, ओवर रेटिंग, टैगिंग तथा अवैध उपयोग पर सख्त निगरानी की जा रही है। अंतरराष्ट्रीय और अंतरराज्यीय सीमावर्ती जिलाें में उर्वरकों की आपूर्ति की सघन मॉनिटरिंग कराई जा रही है।
जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे कालाबाजारी और टीजीयू (टेक्निकल ग्रेड यूरिया) के दुरुपयोग की रोकथाम के लिए लगातार छापेमारी करें। प्लाईवुड, पेंट व पोल्ट्री फीड बनाने वाली इकाइयों में अनुदानित नीम कोटेड यूरिया के दुरुपयोग की स्थिति में दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
कृषि मंत्री ने किसानों से अपील की है कि यदि किसी उर्वरक विक्रेता द्वारा मुख्य उर्वरक के साथ अन्य उत्पादों की जबरन टैगिंग की जाती है तो किसान तत्काल जिलाधिकारी या जिला कृषि अधिकारी के कार्यालय में स्थापित कंट्रोल रूम में शिकायत दर्ज कराएं। किसान मुख्यालय स्थित उर्वरक नियंत्रण कक्ष (फोन नं. 0522-2209650) में भी अपनी समस्या दर्ज करा सकते हैं।-----------
हिन्दुस्थान समाचार / बृजनंदन