नियमित योगाभ्यास से दिनचर्या की करें शुरुआत : पी डी राही
-सीएसए के कृषि इंजीनियरिंग कॉलेज में योग पर हुआ सेमिनार
सी एस ए में आयोजित सेमिनार फोटो


कानपुर, 18 जून (हि. स.)। मै 85 वर्ष की उम्र का हूं , इस उम्र तक मैंने कोई भी दवाई का सेवन नहीं किया है। जो कि नियमित योग का परिणाम है। कोई भी बीमार व्यक्ति किसी की भी मदद नहीं कर सकता। वात, पित्त, कफ और नाड़ियों के बारे में विस्तार से बताते हुए लोगों को दैनिक दिनचर्या के तरीका से भी रूबरू कराया। यह बातें बुधवार को चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, कानपुर के अधीन संचालित कृषि इंजीनियरिंग कॉलेज के सभागार में योग, रोग निवारण के वैज्ञानिक अनुसंधान और निष्कर्ष विषय पर एक सेमिनार में मुख्य अतिथि एवं वक्ता के रूप में मुख्य प्रशिक्षक, पतंजलि योग समिति जिला प्रभारी पी डी राही ने कही।

डॉक्टर प्रदीप सिंह भदौरिया बताया कि योग के विभिन्न कालों की विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई गई। उन्होंने 500 ईसा पूर्व से योग के प्रचलन और उनके कालों के विभिन्न चरणों पर प्रकाश डाला। उन्होंने वैदिक काल से सूर्य नमस्कार के प्रचलन को बताते हुए योग को अतुलनीय बताया।

हार्टफुलनेस संस्था के जिला प्रभारी डॉक्टर पंकज गुप्ता ने ध्यान के बारे में वैज्ञानिक शोधों को विस्तार से बताते हुए ध्यान से नकारात्मक विचारों से बचने की उपाय बताएं। उन्होंने कहा नकारात्मक विचार हमारे मन मस्तिष्क और शरीर को विभिन्न व्याधियों से ग्रस्त कर देते हैं। इसलिए ध्यान एक ऐसा माध्यम है कि जिससे आप रोगों का निदान कर सकते हैं। इस संस्था के डॉक्टर ज्ञानेंद्र सिंह ने भी अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर श्वेता दुबे ने किया।

कार्यक्रम के समापन पर डॉक्टर एन के शर्मा , अधिष्ठाता ने योगासन और शारीरिक व्यायाम के बीच के अंतर को समझाया। उन्होंने बताया कि योग मन, मस्तिष्क और शरीर सभी को पुष्ट बनाता है। जबकि शारीरिक व्यायाम केवल शारीरिक सौष्ठव को बढ़ाता है। उन्होंने आए हुए सभी गणमान्य वक्ताओं,अतिथियों, शिक्षकों और कर्मचारियों के यहां पर आने के लिए आभार व्यक्त किया। इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के समस्त शिक्षक अधिकारी छात्र और कर्मचारी उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार / मो0 महमूद