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गोरखपुर, 18 जून (हि.स.)। शिक्षा केवल पुस्तकों, पाठ्यक्रमों और कक्षाओं तक सीमित नहीं होती; वह समाज की चेतना, संस्कारों और भविष्य की दिशा तय करने वाली धारा है। जब कोई बेटी आत्मविश्वास से विद्यालय की ओर प्रस्थान करती है, तो न केवल उसका परिवार, बल्कि समूचा समाज गर्व से गौरवान्वित होता है। इसी पुनीत भावना को साकार करते हुए रोटरी क्लब गोरखपुर ने बुधवार को एम.जी. इंटर कॉलेज के प्रांगण में छात्राओं हेतु साइकिल वितरण का प्रेरणादायक आयोजन संपन्न किया।
यह आयोजन महज साइकिल वितरण का औपचारिक कार्यक्रम नहीं था, बल्कि यह सामाजिक समर्पण, नारी सम्मान, शिक्षा संवर्धन और भविष्य गढ़ने की जीवंत मिसाल बन गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, गोरखपुर के महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव ने अपने सारगर्भित संबोधन में कहा ये साइकिलें केवल स्कूल पहुँचने का माध्यम नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता, आत्मबल और स्वाभिमान का प्रतीक हैं। जब एक लड़की साइकिल पर सवार होकर विद्यालय जाती है, तो पूरा गाँव, पूरा समाज संदेश पाता है कि अब बेटियाँ पीछे मुड़ने वाली नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि रोटरी क्लब का यह प्रयास बालिकाओं की न केवल शैक्षिक यात्रा को सरल बनाएगा, बल्कि उन्हें सुरक्षा और सम्मान का अहसास भी कराएगा।
अध्यक्ष एमपी कंडोई, पूर्व सचिव आलोक अग्रवाल, क्षेत्र समन्वयक नितिन अग्रवाल ने कहा इस आयोजन से यह स्पष्ट कर दिया कि उनकी सेवा भावना केवल योजनाओं और घोषणाओं तक सीमित नहीं, बल्कि जमीनी स्तर पर सार्थक परिवर्तन लाने का जीवट संकल्प भी उनके हृदय में विद्यमान है। रोटरी डिस्ट्रिक्ट ग्रांट योजना के अंतर्गत संपन्न इस कार्यक्रम में क्लब के प्रत्येक पदाधिकारी की गहन और सक्रिय सहभागिता रही।
पूर्व अध्यक्ष रोटेरियन मंकेश्वर नाथ पांडेय, संजीव कुमार अग्रवाल, सचिव संचित श्रीवास्तव और रोटेरियन आशीष दास की सक्रिय उपस्थिति और भूमिका ने इस कार्यक्रम को जीवंतता प्रदान की। इन सभी ने एक स्वर में कहा—
बेटियों को साधनों की नहीं, अवसरों की ज़रूरत है। वर्षों से जिस अवसर को उनसे छीना गया था, उसे लौटाने का प्रयास आज रोटरी कर रहा है।
संयोजक मंडल के रोटेरियन सतीश राय, प्रवीर आर्य, मनीष जायसवाल सुधांशु चंद्र वर्मा, आशुतोष मिश्र,अशोक गुप्ता, डॉ दिनेश सिंह सारथी, डॉ मणीरंजन सिन्हा, डॉ रंजना ने भी आयोजन को सुव्यवस्थित, गरिमापूर्ण व उद्देश्यपूर्ण बनाने में सराहनीय भूमिका निभाई।
पूर्व मंडलाध्यक्ष अनूप अग्रवाल ने कहा जब मंच से एक-एक कर बालिकाओं को साइकिल प्रदान की गईं, तो उनकी आँखों की चमक और चेहरे की मुस्कान किसी अमूल्य उपलब्धि की गवाही दे रही थी। ये केवल दो पहियों वाली साधारण साइकिलें नहीं थीं, बल्कि उन पर सवार थीं बेटियों की आशाएँ, सपने और आत्मगौरव की झलकियाँ। उनके हृदयों में अब विद्यालय जाने का उल्लास है, डर नहीं; भविष्य के प्रति विश्वास है, संशय नहीं।
इस प्रयास ने उन परिवारों के लिए भी आशा की नयी खिड़की खोली है, जहाँ आर्थिक विपन्नता के कारण बेटियाँ शिक्षा के अधिकार से वंचित रही थीं।
पूर्व सचिव सतीश राय ने कहा रोटरी क्लब गोरखपुर का यह प्रयास निःसंदेह समाज सेवा की उस परंपरा को आगे बढ़ाता है, जिसमें बिना शोर-शराबे के, बिना श्रेय लेने की होड़ के, मौन साधक बनकर किसी ज़रूरतमंद जीवन को दिशा दी जाती है। यह आयोजन रोटरी क्लब की मूल भावना सेवा से जीवन में परिवर्तन का श्रेष्ठ उदाहरण बन गया।
आज इन बेटियों के साथ न केवल साइकिलें हैं, बल्कि उनके पीछे खड़ा है एक समर्थ, सशक्त समाज, जिसमें रोटरी क्लब गोरखपुर जैसे संवेदनशील संगठन की प्रेरक उपस्थिति है।
पूर्व अध्यक्ष संजीव अग्रवाल ने इस अवसर पर कहा यह आयोजन गोरखपुर के सामाजिक जीवन में एक अमिट प्रेरक अध्याय बनकर अंकित होगा, जब बेटियाँ साइकिल की सवारी करते हुए नहीं, बल्कि आत्मसम्मान, आत्मबल और आत्मनिर्भरता की सवारी करते हुए अपने भविष्य के स्वर्णिम क्षितिज की ओर बढ़ चली l
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हिन्दुस्थान समाचार / प्रिंस पाण्डेय