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कानपुर, 18 जून (हि. स.)। चंदन में विद्यमान औषधीय गुण त्वचा रोगों, बुखार और अन्य प्रकार की बीमारियों के लिए एक लोकप्रिय उपचार के रूप में कार्य करते हैं। यह बातें बुधवार को आयुर्वेदाचार्य डॉ वंदना पाठक ने छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय में स्कूल ऑफ एडवांस्ड एग्रीकल्चर एवं सुभाषिनी शिवहरे फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में विश्वविद्यालय में कही।
चंदन वाटिका एवं तालाब: प्रकृति की गोद में विश्राम विषय पर आयोजित कार्यक्रम में प्रति कुलपति सुधीर कुमार अवस्थी ने रहीम के दोहे का उदाहरण देते हुए कहा कि जो व्यक्ति अच्छे स्वभाव का होता है, उसे बुरी संगति भी बिगाड़ नहीं पाती। जैसे ज़हरीले सांप चंदन के वृक्ष से लिपटे रहने पर भी उस पर कोई ज़हरीला प्रभाव नहीं डाल पाते। चंदन वाटिका विश्वविद्यालय में स्थित अमृत सरोवर के नजदीक स्थित है। चंदन के रोपित किए गए पौधों में 25 पौधे सफेद चंदन और 25 लाल चंदन के हैं।
कार्यक्रम में सम्पत्ति अधिकारी डॉ. प्रवीण भाई पटेल, कृषि संकाय निदेशक डॉ. हिमांशु त्रिवेदी तथा विभाग के सभी शिक्षक एवं छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / मो0 महमूद