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कानपुर, 18 जून (हि.स.)। मंधना औद्योगिक क्षेत्र में भूमि अधिग्रहण से जुड़े करीब 16 वर्षों से लम्बित विवाद के समाधान की नई आशा जगी है। बुधवार को सरसैया घाट स्थित नवीन सभागार में उत्तर प्रदेश विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) अरुण पाठक की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय बैठक हुई। बैठक में यूपीसीडा (उप्र राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण) और उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ क्षेत्रीय किसानों की समस्याओं पर गहन चर्चा की।
--पुराने विवाद को प्राथमिकता पर सुलझाने के निर्देश
बैठक में यह स्पष्ट किया गया कि वर्ष 2009 से 2017 के बीच मंधना में अधिग्रहीत की गई लगभग 900 एकड़ भूमि से सम्बंधित मुआवजा व पुनर्वास के मामलों का निस्तारण योगी सरकार की प्राथमिकता में है। एमएलसी अरुण पाठक ने बताया कि इस विषय पर लखनऊ में आवास आयुक्त और विभागीय अधिकारियों के साथ पूर्व में बैठक हो चुकी है, जिसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट निर्देश दिए कि मंधना भूमि विवाद को अब और लम्बा न खींचा जाए।
--समाधान के लिए समिति गठित
यूपीसीडा अधिकारियों ने घोषणा की कि किसानों से सीधे संवाद स्थापित करने और व्यावहारिक समाधान निकालने के लिए एक समिति का गठन किया जाएगा। यह समिति क्षेत्र के किसानों की समस्याएं सुनेगी और उचित मुआवजे, पुनर्वास एवं अन्य मांगों पर ठोस कार्यवाही सुनिश्चित करेगी। बैठक में जब 15 वर्षों से लम्बित मामलों की प्रगति पर सवाल किया गया, तो सम्बंधित अधिकारी संतोषजनक उत्तर नहीं दे सके।
--आरटीओ विभाग को कड़ी फटकार
बैठक में एमएलसी अरुण पाठक ने आरटीओ विभाग की कार्यशैली पर भी गम्भीर सवाल खड़े किए। कहा कि कानपुर देहात से कानपुर नगर की ओर महज 15 मिनट में 10 से अधिक बिना नंबर के वाहन चल रहे हैं और विभाग आंख मूंदे बैठा है। उन्होंने ओवरलोडिंग और अवैध वसूली पर भी कड़ी आपत्ति जताई और निर्देश दिए कि ओवरलोडिंग की स्पष्ट और पारदर्शी परिभाषा तय की जाए। अवैध चालान और उत्पीड़न को रोका जाए।
--किसानों और व्यापारियों में समाधान की उम्मीद
बैठक के बाद मंधना क्षेत्र के किसानों और व्यापारियों में समाधान की एक नई आशा उत्पन्न हुई है। वर्षों से लम्बित मुआवजे की प्रक्रिया अब गति पकड़ती दिखाई दे रही है। यदि विभागीय समिति सक्रिय होकर कार्य करती है तो मंधना भूमि अधिग्रहण विवाद का समुचित समाधान निकट भविष्य में सम्भव है।
हिन्दुस्थान समाचार / रोहित कश्यप