विधायक शाम लाल शर्मा ने संस्कृत पुनर्जागरण के लिए श्री कैलख ट्रस्ट की सराहना की
जम्मू, 18 जून (हि.स.)। श्री कैलख ज्योतिष एवं वैदिक संस्थान ट्रस्ट, जम्मू-कश्मीर के अध्यक्ष एवं प्रख्यात संस्कृत विद्वान महंत रोहित शास्त्री जी ने आज जम्मू नॉर्थ विधानसभा क्षेत्र के विधायक, माननीय श्री शाम लाल शर्मा जी से श्रीनगर में शिष्टाचार भेंट की
विधायक शाम लाल शर्मा ने संस्कृत पुनर्जागरण के लिए श्री कैलख ट्रस्ट की सराहना की


जम्मू, 18 जून (हि.स.)। श्री कैलख ज्योतिष एवं वैदिक संस्थान ट्रस्ट, जम्मू-कश्मीर के अध्यक्ष एवं प्रख्यात संस्कृत विद्वान महंत रोहित शास्त्री जी ने आज जम्मू नॉर्थ विधानसभा क्षेत्र के विधायक, माननीय श्री शाम लाल शर्मा जी से श्रीनगर में शिष्टाचार भेंट की। यह भेंट संस्कृत भाषा एवं भारतीय ज्ञान परंपरा के पुनरुत्थान हेतु समर्पित रही, जिसमें संस्कृत के प्रचार-प्रसार, संरक्षण और संवर्धन को लेकर विस्तृत चर्चा हुई।

महंत रोहित शास्त्री जी ने इस अवसर पर विधायक महोदय को अवगत कराया कि संस्कृत केवल एक भाषा नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक चेतना, वैदिक परंपरा और सनातन धर्म की जीवंत आत्मा है। उन्होंने कहा कि भारतीय दर्शन, आयुर्वेद, योग, न्यायशास्त्र, ज्योतिष और विज्ञान का मूल आधार यही देववाणी रही है। उन्होंने गहरा खेद व्यक्त किया कि जम्मू-कश्मीर, जो प्राचीन काल में संस्कृत अध्ययन का प्रमुख केंद्र रहा है, वर्तमान में एक भी संस्कृत विश्वविद्यालय से वंचित है, जो अत्यंत चिंताजनक विषय है।

उन्होंने आग्रहपूर्वक बताया कि प्रदेश में एक संस्कृत विश्वविद्यालय एवं पारंपरिक गुरुकुलों की स्थापना न केवल आवश्यक है, बल्कि यह प्रदेश की सांस्कृतिक अस्मिता और आध्यात्मिक पहचान के पुनर्निर्माण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम होगा। इस शिष्टाचार भेंट के दौरान ट्रस्ट के उपाध्यक्ष श्री सुनील शर्मा जी भी उपस्थित रहे। उन्होंने ट्रस्ट द्वारा संचालित विविध कार्यक्रमों की जानकारी दी, जिनमें प्रमुख हैं, मोबाइल संस्कृत गुरुकुल, जो दूरदराज़ क्षेत्रों में जाकर संस्कृत का प्रचार कर रहा है। वेदाचार्य सम्मेलन, जिसमें वैदिक विद्वानों को एक मंच पर लाकर विचार विमर्श किया जाता है। प्राचीन ग्रंथों का प्रकाशन एवं नवयुवकों को वेद, संस्कृत, और ज्योतिष से जोड़ने की पहल, जिससे नई पीढ़ी में अपनी सांस्कृतिक विरासत के प्रति जागरूकता उत्पन्न हो।

माननीय श्री शाम लाल शर्मा जी ने ट्रस्ट के कार्यों की खुले दिल से सराहना करते हुए कहा कि संस्कृत केवल भाषा नहीं, बल्कि यह भारत की आत्मा है। इसके पुनरुत्थान से समाज में नैतिकता, अध्यात्म और चेतना का पुनर्संस्थापन संभव है। उन्होंने विश्वास दिलाया कि वे सरकार तक इस विषय को प्रमुखता से उठाएंगे, ताकि प्रदेश में संस्कृत शिक्षा की आधारशिला और अधिक सुदृढ़ की जा सके। इस मुलाक़ात को संस्कृत पुनरुत्थान के एक महत्वपूर्ण संवाद का स्वरूप मिला, जिसमें भाषा, परंपरा, शिक्षा और संस्कृति के मूल स्वरूपों पर सारगर्भित मंथन हुआ।

हिन्दुस्थान समाचार / राहुल शर्मा