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श्रीनगर , 18 जून (हि.स.)। जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी (जेकेपीसीसी) के अध्यक्ष तारिक हमीद कर्रा जो ब्लॉक अध्यक्षों की बैठकों में व्यस्त थे ने श्रीनगर पार्टी कार्यालय में बैठक के अंतिम चरण की अध्यक्षता की। दक्षिण, मध्य और उत्तरी कश्मीर के ब्लॉक अध्यक्षों ने अध्यक्ष के साथ विस्तृत चर्चा की और उन्हें अपने-अपने ब्लॉकों में जमीनी स्तर पर चल रहे संगठनात्मक मामलों और गतिविधियों के बारे में जानकारी दी।
बैठकों में आगामी चुनौतियों, खासकर यूएलबी, डीडीसी और बीडीसी चुनावों पर विस्तार से चर्चा की गई और सभी स्तरों पर पार्टी के कार्यकर्ताओं को और मजबूत करने का संकल्प लिया गया। बैठक में उपस्थित ब्लॉक अध्यक्षों ने भी अपने-अपने ब्लॉकों में मौजूदा विकासात्मक राजनीतिक स्थिति के बारे में जेकेपीसीसी अध्यक्ष को जानकारी दी और उन्हें (अध्यक्ष को) आश्वासन दिया कि वे पार्टी को मजबूत करने के लिए अपने कठोर प्रयास करेंगे। इस अवसर पर बोलते हुए जेकेपीसीसी अध्यक्ष तारिक हमीद कर्रा ने कहा कि ब्लॉक अध्यक्ष पार्टी की रीढ़ हैं उन्हें जमीनी स्तर पर पार्टी को फिर से जीवंत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का दायित्व है और उन्हें आगामी चुनावों, संगठनात्मक या राजनीतिक चुनौतियों से निपटने में सक्षम होने के लिए कड़ी मेहनत करने का आग्रह किया।
कर्रा ने कहा कि उन्हें (ब्लॉक अध्यक्षों को) जमीनी स्तर पर महत्वपूर्ण भूमिका निभाने और आम लोगों से जुड़ने की जरूरत है ताकि उनकी जरूरतों को समय पर हल किया जा सके। उन्होंने कांग्रेस पार्टी की जनहितैषी नीतियों और कार्यक्रमों के बारे में जनता को जागरूक करने और जम्मू-कश्मीर के समावेशी विकास के लिए पार्टी को और मजबूत करने के लिए उनका पूरा समर्थन मांगने की जरूरत पर जोर दिया। जेकेपीसीसी अध्यक्ष ने ब्लॉक अध्यक्षों को मिशन हमारी रियासत हमारा हक के महत्व के बारे में जानकारी दी और कहा कि आगामी जिला स्तरीय राजनीतिक सम्मेलनों में कांग्रेस पार्टी जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने की अपनी मांग को मजबूती से दोहराएगी। कांग्रेस लोगों की इच्छाओं और आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करती है इसलिए हम जनता के अधिकारों की रक्षा के लिए लड़ने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। साथ ही जेकेपीसीसी अध्यक्ष ने जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने में जानबूझकर देरी के लिए केंद्र सरकार की आलोचना की और इसे राजनीतिक और प्रशासनिक दोनों स्तरों पर लोगों के मोहभंग और अलगाव का मूल कारण बताया।
उन्होंने जम्मू-कश्मीर पर दोहरे नियंत्रण की आलोचना की। उन्होंने कहा कि दोहरा नियंत्रण जम्मू-कश्मीर को हर तरह से बुरी तरह प्रभावित कर रहा है। जाहिर तौर पर सरकार और नौकरशाही के बीच काफी अंतर है जिसके परिणामस्वरूप चीजें सामान्य नहीं हैं जिसे जम्मू-कश्मीर की समृद्धि के व्यापक हित में समाप्त करना होगा।
हिन्दुस्थान समाचार / रमेश गुप्ता