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जम्मू, 18 जून (हि.स.)। लद्दाख में सीमा पर्यटन को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से भारतीय सेना द्वारा शाही कांगड़ी और सिल्वर पीक तक एक साहसिक पर्वतारोहण अभियान का सफल आयोजन किया गया। यह अभियान 28 मई को फायर एंड फ्यूरी कोर के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल हितेश भल्ला द्वारा रवाना किया गया था और आज 18 जून को संपन्न हुआ। इस अभियान के माध्यम से उन बहादुर लद्दाखी सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई, जिन्होंने गलवान संघर्ष के दौरान देश के लिए अपने प्राण न्योछावर किए थे।
28 विशेषज्ञ पर्वतारोहियों की टीम, जो हिम व चट्टानी क्षेत्रों में प्रशिक्षित थी, ने कठिनतम परिस्थितियों में अद्भुत धैर्य और तकनीकी कौशल का प्रदर्शन किया। काराकोरम श्रृंखला के अंतर्गत देपसांग मैदानों के दक्षिण-पश्चिम में स्थित ये दोनों चोटियाँ पूरे वर्ष बर्फ से ढकी रहती हैं और अत्यंत दुर्गम मानी जाती हैं। टीम ने दक्षिण-पूर्व दिशा से छोटा लेकिन अधिक खतरनाक मार्ग चुना, जिसमें उन्हें दरारों, हिम-छज्जों और ग्लेशियरों का सामना करना पड़ा। इस दौरान सैनिकों की शारीरिक क्षमता के साथ-साथ मानसिक दृढ़ता भी देखने को मिली।
यह पर्वतारोहण न केवल सैन्य उत्कृष्टता का प्रतीक बना बल्कि लद्दाख क्षेत्र में साहसिक पर्यटन की अपार संभावनाओं को भी उजागर किया। भारतीय सेना का यह कदम सीमावर्ती क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है।
हिन्दुस्थान समाचार / राहुल शर्मा