डीएम ने सदर अस्पताल में अल्ट्रासाउंड सुविधा का किया उद्घाटन
अररिया, 18 जून(हि.स.)। अररिया सदर अस्पताल में लंबे समय से प्रतीक्षित अल्ट्रासाउंड जांच की सुविधा बहाल हो गयी है। अस्पताल में अल्ट्रासाउंड जांच की सुविधा का विधिवत उद्घाटन बुधवार को डीएम अनिल कुमार ने किया। अस्पताल में अल्ट्रासाउंड की सुविधा उपलब
अररिया फोटो:डीएम अनिल कुमार अल्ट्रा साउंड सेंटर का उद्घाटन करते


अररिया, 18 जून(हि.स.)।

अररिया सदर अस्पताल में लंबे समय से प्रतीक्षित अल्ट्रासाउंड जांच की सुविधा बहाल हो गयी है।

अस्पताल में अल्ट्रासाउंड जांच की सुविधा का विधिवत उद्घाटन बुधवार को डीएम अनिल कुमार ने किया। अस्पताल में अल्ट्रासाउंड की सुविधा उपलब्ध होने से अब मरीजों को अल्ट्रा साउंड के लिए बाहर भटकना नहीं पड़ेगा और न ही आर्थिक बोझ झेलना होगा।

गर्भवती महिलाएं सहित गंभीर रोग से पीड़ित अन्य मरीजों को भी अब अल्ट्रासाउंड के लिये निजी संस्थानों पर निर्भर नहीं रहना होगा।

उद्घाटन के मौके पर सिविल सर्जन डॉ केके कश्यप, सदर एसडीओ रवि रंजन, डीपीएम स्वास्थ्य संतोष कुमार, सदर अस्पताल के प्रभारी अधीक्षक डॉ आकाश कुमार राय, डॉ स्नेहा किरण, डॉ प्रीति बरखा सहित अन्य स्वास्थ्य अधिकारी व चिकित्सा कर्मी मौजूद थे।

अल्ट्रासाउंड सुविधा का विधिवत उद्घाटन करते हुए डीएम अनिल कुमार ने अस्पताल में स्थापित नये अल्ट्रासाउंड मशीन का निरीक्षण किया।तकनीशियनों से इसके संचालन के संबंध में जरूरी पूछताछ की। जिलाधिकारी ने कहा कि अब सदर अस्पताल में गर्भवती महिलाएं अन्य मरीजों को अल्ट्रासाउंड जांच के लिये बाहर प्राइवेट क्लीनिक नहीं जाना होगा।

यह सुविधा अस्पताल में इलाज कराने आने वाले लोगों के लिये सुविधाजनक साबित होगा। इससे ना केवल समय व धन की बचत होगी, बल्कि समय पर बीमारी की पहचान भी संभव हो सकेगा।

सिविल सर्जन डॉ केके कश्यप ने बताया कि सदर अस्पताल में अल्ट्रासाउंड सुविधा की उपलब्धता यहां इलाज के लिये आने वाले मरीजों के लिये बेहद सुविधाजनक साबित होगा।

अस्पताल में अल्ट्रासाउंड सेवा पूरी तरह नि:शुल्क होगा। उन्होंने कहा कि सदर अस्पताल में कार्यरत महिला चिकित्सक डॉ स्नेहा किरण, डॉ प्रीति बरखा के निरीक्षण में अल्ट्रासाउंड सुविधा संचालित किया जायेगा। डीपीएम स्वास्थ्य संतोष कुमार ने कहा कि अल्ट्रासाउंड की सुविधा में गर्भवती महिलाओं की जांच को प्राथमिकता दी जायेगी। ताकि सुरक्षित मातृत्व सुनिश्चित किया जा सके। इससे जिले में मातृ-शिशु मृत्यु दर को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी।

हिन्दुस्थान समाचार / राहुल कुमार ठाकुर