Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
कोलकाता, 17 जून (हि. स.)। पश्चिम बंगाल में गर्मी और उमस से परेशान लोगों के लिए राहत भरी खबर है। मौसम विभाग के अनुसार, दक्षिण बंगाल में मानसून ने औपचारिक रूप से दस्तक दे दी है। नदिया, उत्तर 24 परगना और बर्धमान जिलों में मानसूनी हवाएं प्रवेश कर चुकी हैं। अब धीरे-धीरे मानसून का असर पूरे दक्षिण बंगाल में फैलने की उम्मीद है।
कोलकाता समेत राज्य के अधिकांश हिस्सों में मंगलवार से बारिश शुरू हो चुकी है। कोलकाता का अधिकतम तापमान गिरकर 29 डिग्री सेल्सियस पर आ गया है, जबकि न्यूनतम तापमान 27 डिग्री के करीब दर्ज किया गया। इससे लोगों को भीषण गर्मी और चिपचिपी उमस से काफी हद तक राहत मिली है।
मौसम विभाग के अनुसार, बुधवार तक दक्षिण बंगाल के सभी जिलों में मानसून पूरी तरह सक्रिय हो जाएगा। इससे राज्य के कृषि क्षेत्र को भी बड़ा लाभ मिलने की उम्मीद है, जो समय पर बारिश का इंतजार कर रहा था।
इस दौरान कोलकाता, हावड़ा, हुगली, पूर्व व पश्चिम मेदिनीपुर और दक्षिण 24 परगना जिलों में हल्की से मध्यम बारिश का अनुमान जताया गया है। विशेष रूप से बुधवार को दक्षिण और उत्तर 24 परगना में भारी से अति भारी वर्षा की चेतावनी जारी की गई है।
इसी तरह, बीरभूम, मुर्शिदाबाद और पश्चिम बर्धमान जिलों में जोरदार बारिश की संभावना जताई गई है। राज्य सरकार ने सभी जिला प्रशासन को सतर्क रहने और संभावित जलभराव वाले क्षेत्रों में विशेष निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं।
मौसम विभाग के अनुसार, उत्तर बंगाल के दोनों दिनाजपुर उत्तर और दक्षिण जिलों में भी भारी वर्षा की संभावना जताई गई है। साथ ही, जलपाईगुड़ी, अलीपुरद्वार और दार्जिलिंग जैसे ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भी रुक रुक कर तेज बारिश हो सकती है।
इन इलाकों में भूस्खलन और सड़कों पर अवरोध की आशंका के चलते प्रशासन को पहले ही अलर्ट पर रखा गया है। पर्यटकों को पहाड़ी इलाकों की यात्रा करते समय सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।
बढ़ती बारिश और मौसम की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार ने आपदा प्रबंधन दलों को सक्रिय कर दिया है। निचले इलाकों में जलभराव और यातायात व्यवधान को ध्यान में रखते हुए राहत व बचाव दलों को तैयार रखा गया है।
मौसम विभाग का कहना है कि आगामी सप्ताह में राज्य भर में मानसून पूरी तरह से सक्रीय रहेगा और तापमान सामान्य से नीचे बना रह सकता है। इससे न केवल नागरिकों को राहत मिलेगी, बल्कि खेती-किसानी के लिए भी यह समय अनुकूल साबित हो सकता है।
हिन्दुस्थान समाचार / अनिता राय