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हल्द्वानी, 16 जून (हि.स.)। त्रिस्तरीय पंचायत सामान्य निर्वाचन-2025 को पारदर्शी, व्यवस्थित और तकनीकी रूप से सक्षम बनाने की दिशा में उत्तराखण्ड राज्य निर्वाचन आयोग ने तैयारियों को गति दे दी है।
इसी क्रम में सोमवार को काठगोदाम स्थित सर्किट हाउस में कुमाऊं मंडल के अधिकारियों के लिए एक विशेष प्रशिक्षण सत्र का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता राज्य निर्वाचन आयोग के प्रभारी संयुक्त सचिव कमलेश मेहता ने की। प्रशिक्षण सत्र में मंडल के छह जिलों से आए उप जिला निर्वाचन अधिकारी, पंचायती चुनाव अधिकारी, सूचना विज्ञान केंद्र के विशेषज्ञ, सहायक निर्वाचन अधिकारी और प्रशिक्षण प्रभारी अधिकारी मौजूद रहे। इस दौरान निर्वाचन आयोग और देहरादून स्थित राज्य सूचना विज्ञान केंद्र की संयुक्त टीम ने चुनाव प्रक्रिया से संबंधित विभिन्न तकनीकी पहलुओं की गहन जानकारी दी।
एनआईसी द्वारा विकसित विशेष सॉफ्टवेयर का लाइव प्रदर्शन करते हुए मतदाता सूची अपलोड, मतदान किट और मतपेटी प्रबंधन, परिणाम घोषणा, व्यय सीमा और निर्वाचन प्रमाणपत्र जैसी प्रक्रियाओं का व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान किया गया। यह तकनीकी व्यवस्था पंचायत चुनाव की पूरी प्रक्रिया को डिजिटल और पारदर्शी बनाने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है। सॉफ्टवेयर के माध्यम से मतगणना, कार्मिकों की नियुक्ति और मतदान से जुड़ी सारी कार्यवाहियां ऑटोमेटेड होंगी, जिससे समय की बचत के साथ-साथ सटीकता भी सुनिश्चित की जा सकेगी। प्रशिक्षण में उपस्थित अधिकारियों को उत्तराखण्ड पंचायती राज अधिनियम, 2018, संशोधित पंचायत निर्वाचन नियमावली, निर्वाचन व्यय सीमा और मतदाता सूची में सुधार से जुड़े प्रावधानों की भी जानकारी दी गई।
प्रभारी संयुक्त सचिव कमलेश मेहता ने नागरिकों से अपील की कि वे राज्य निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर जाकर अपना नाम मतदाता सूची में अवश्य जांचें और किसी भी गलती की स्थिति में समय रहते सुधार करवाएं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि आयोग का उद्देश्य है कि कोई भी योग्य नागरिक मतदान से वंचित न रहे। प्रशिक्षण सत्र में जिला विकास अधिकारी गोपाल गिरी सहित कुमाऊं मंडल के सभी जिला अधिकारियों और सूचना विज्ञान केंद्र के प्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी रही।
हिन्दुस्थान समाचार / अनुपम गुप्ता