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रांची, 16 जून (हि.स.)।
झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के केन्द्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने केन्द्र सरकार की ओर से देशभर में शुरू किए जानेवाले डिजिटल जनगणना पर सवाल उठाया है। उन्होंने सोमवार को झामुमो के कैंप कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि केन्द्र सरकार जनगणना के लिए कौन-सा डिजिटल फ़ॉर्मेट उपयोग करेगी, इसे स्पष्ट तरीके से नहीं बताया गया है।
भट्टाचार्य ने कहा कि केन्द्र की ओर से जारी की गई अधिसूचना में को देखने पर पता चलता है कि सरकार की प्रस्तावित जनगणना, व्यक्ति-आधारित होगी। इसमें जनसांख्यिकीय (डेमोग्राफिक) जानकारी के साथ-साथ जातीय विवरण भी शामिल किया जाएगा और यह पूरी तरह डिजिटल होगी। सुप्रियो ने कहा कि सरकार इन आंकड़ों को राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) में दर्ज करेगी और यह एक बड़ा खेल मालूम पड़ता है।
उन्होंने कहा कि जनगणना का फ़ॉर्मेट पहले ही सार्वजनिक करने की मांग रखी गई थी, ताकि लोग अपनी जानकारी सही-सही दे सकें। साथ ही आशंका जताते हुए कहा कि डिजिटल जनगणना के दौरान आनेवाले अधिकारी कुछ भी भरकर चले जाएंगे। इसलिए फॉर्मेट पहले सार्वजनिक किया जाना चाहिए नहीं तो आम आदमी को इसकी जानकारी ही नहीं होगी कि फॉर्म में किस अधिकारी ने क्या भरा।
भट्टाचार्य ने केंद्र सरकार से पूछा कि मार्च 2027 से झारखंड में होने वाली जातीय जनगणना के फ़ॉर्म में सरना धर्म कोड का कॉलम होगा या नहीं। इसे भी सरकार को बताना चाहिए।
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हिन्दुस्थान समाचार / Manoj Kumar