शताब्दी वर्ष में मध्‍यभारत के प्रत्येक मंडल-बस्ती तक पहुंचेगा संघकार्य, भोपाल में दो दिवसीय बैठक का आयोजन
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संघकार्य की समीक्षा और शताब्दी वर्ष को लेकर चिंतन-मंथन

भोपाल, 15 जून (हि.स.)। मध्‍य प्रदेश के मध्य भारत प्रान्त में विगत तीन वर्षों से संघ का कार्य अपेक्षा के अनुरूप बढ़ रहा है। शताब्दी वर्ष में हमने पूर्ण प्रान्त का लक्ष्य लिया है, हम इस लक्ष्य के समीप पहुंच रहे हैं। वर्तमान में 1814 में से कुल 1662 मंडल संघकार्य युक्त हैं। पिछले वर्ष के प्रान्त में कुल 3072 शाखाएं लग रही थीं, जो बढ़कर 3674 हो गयी हैं। भोपाल स्थित शारदा विहार में 14-15 जून को आयोजित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, मध्य भारत प्रान्त की प्रान्त बैठक में यह जानकारी प्रान्त कार्यवाह हेमंत सेठिया ने दी।

बैठक में प्रान्त में संघ कार्य की स्थिति की समीक्षा की गई और शताब्दी वर्ष की तैयारियों की चर्चा की गई। प्रान्त बैठक में प्रान्त कार्यकारिणी, विभाग कार्यकारिणी और जिला टोली शामिल रहती है। इस प्रकार लगभग 550 दायित्ववान कार्यकर्ता बैठक में शामिल रहे। इस अवसर पर प्रान्त संघचालक अशोक पांडेय एवं सह-प्रान्त संघचालक डॉ. राजेश सेठी भी उपस्थित रहे। बैठक के प्रारंभ में दिवंगत कार्यकर्ताओं, अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं एवं अहमदाबाद विमान दुर्घटना में दिवंगत हुए यात्रियों के प्रति मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

प्रान्त कार्यवाह हेमंत सेठिया ने कहा कि शताब्दी वर्ष को ध्यान में रखकर कार्यकर्ताओं ने मंडल और बस्ती तक संघकार्य को पहुँचाने के प्रयास किए हैं। इस वर्ष इन प्रयासों को और बढ़ाने की आवश्यकता है। वर्तमान समय में मध्यभारत प्रान्त में संघ की रचना से महानगरीय एवं ग्रामीण जिलों के 2343 स्थानों पर 3674 शाखाएं चल रही हैं। इसके साथ ही 625 स्थानों पर साप्ताहिक मिलन के रूप में संघकार्य चल रहा है। इसके साथ ही स्वयंसेवक सेवाकार्य भी चला रहे हैं। पिछले वर्ष तक कुल 1795 सेवा कार्य प्रांत में चल रहे थे, इस वर्ष यह संख्या 2448 हो गई। यानी एक वर्ष में 36 प्रतिशत की वृद्धि सेवा कार्यों में हुई है। वहीं, 160 सेवा कार्य शाखाओं द्वारा चल रहे हैं। प्रांत में कुल 994 सेवा बस्ती हैं, जिसमें 797 सेवा कार्ययुक्त हो गई हैं।

उन्होंने कहा कि शताब्दी वर्ष कार्यविस्तार एवं सुदृढीकरण पर केंद्रित होगा। संघ का उद्देश्य इस उपलब्धि का उत्सव मनाना नहीं हैं, बल्कि आत्मचिंतन करना है। संघ कार्य के लिए समाज द्वारा दिए समर्थन के लिए आभार प्रकट करना तथा राष्ट्र के लिए तथा समाज को संगठित करने के लिए स्वयं को पुनः समर्पित करना हैं। शताब्दी वर्ष में हम अधिक सावधानी, गुणवत्ता तथा व्यापकता से कार्य करने का संकल्प लें।

संघ शिक्षा वर्गों में संघ कार्य का प्रशिक्षण:

संघकार्य की समझ बढ़ाने एवं कार्यकताओं के व्यक्तित्व विकास की दृष्टि से संघ प्रतिवर्ष संघशिक्षा वर्गों को आयोजन करता है। तीन दिवस के 128 प्रारंभिक वर्ग आयोजित किए गए, जिनमें 6900 स्वयंसेवक शामिल हुए। 7 दिवस की अवधि के 44 प्राथमिक वर्गों में 2251 स्वयंसेवक शामिल हुए। इसी तरह, 8 विभिन्न संघ शिक्षा वर्गों में कुल 1112 स्वयंसेवकों ने संघकार्य का प्रशिक्षण प्राप्त किया।

शताब्दी वर्ष पर प्रांत में संघ की योजना:

- विजयादशमी-2025 उत्सव: अधिकतम स्थानों पर गणवेश में कार्यक्रम। मण्डल, खंड, नगर स्तर पर संचलन भी निकालने की योजना है।

- व्यापक गृह संपर्क: प्रत्येक गाँव एवं बस्ती के प्रत्येक घर तक संपर्क करने की योजना है। पूर्व में वर्ष 2000 में डॉ. केशव हेडगेवार की जन्मशती एवं श्रीराममंदिर के लिए श्रद्धा निधि संग्रह के लिए भी स्वयंसेवक समाज में व्यापक स्तर पर संपर्क कर चुके हैं।

- हिन्दू सम्मेलन: सभी मंडलों और बस्तियों में हिन्दू सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे, जिसमें बिना किसी भेदभाव के प्रत्येक के जीवन में एकता और सद्भाव, राष्ट्र के विकास में सभी का योगदान और पंच परिवर्तन में प्रत्येक व्यक्ति की भागीदारी, का संदेश दिया जाएगा।

-सद्भाव बैठक: खंड/नगर स्तर पर सामाजिक सद्भाव बैठकें आयोजित की जाएंगी, जिसमें एक साथ मिलकर रहने पर बल दिया जाएगा। बैठकों का उद्देश्य सांस्कृतिक आधार और हिन्दू चरित्र खोए बिना आधुनिक जीवन जीने का संदेश देना होगा। उन्होंने महाकुम्भ का उदाहरण दिया, जहां सभी क्षेत्रों के लोग एक साथ आए थे।

- नागरिक गोष्ठी: हिंदुत्व, पंच परिवर्तन, राष्ट्रीयता, एक राष्ट्र एक जन एक संस्कृति, इस प्रकार के विषयों पर नागरिक संवाद आयोजित किए जाएंगे। जिला स्तर पर आयोजित इन कार्यक्रमों में राष्ट्रीय विषयों पर सही विमर्श स्थापित करने और आज प्रचलित गलत विमर्श को दूर करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

- युवाओं से संवाद: युवाओं के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। 15 से 30 वर्ष की आयु के युवाओं के लिए राष्ट्र निर्माण, सेवा गतिविधियों और पंच परिवर्तन पर केंद्रित कार्यक्रम किए जाएंगे।

इसके साथ ही मालवा प्रांत के सामने आए बैठक वृत्‍त में बताया गया कि शताब्दी वर्ष का प्रारंभ विजयादशमी पर मंडल-बस्ती स्तर पर पूर्ण गणवेश में एकत्रीकरण और संचलन के साथ होगा। इन संचलन कार्यक्रमों में संघ के सभी स्वयंसेवकों से संपर्क कर पूर्णगणवेश में बुलाने का लक्ष्य रखा है। संघ के स्वयंसेवकों द्वारा समाज में संघ कार्य के परिचय की दृष्टि से व्यापक गृह संपर्क किया जावेगा। इस अभियान में समाज के प्रत्येक घर पर संघ-साहित्य के साथ कार्यकर्ता संपर्क करेंगे। समाज की चुनौतियों का समाधान करने वाला, अपनी जाति से ऊपर उठकर पूरे हिंदू समाज का विचार करने वाला और परस्पर सहयोगी सामाजिक नेतृत्व खड़ा करने के उद्देश्य से सामाजिक सद्भाव बैठकें आयोजित की जायेंगी।

समाज में संघ के बारे में जिज्ञासाओं के समाधान और सामाजिक परिवर्तन में समाज की अग्रणी भूमिका स्थापित करने के उद्देश्य से प्रमुख नागरिक गोष्ठियों का आयोजन शताब्दी वर्ष में किया जावेगा। मंडल-बस्ती स्तर पर सक्रिय जागरण टोली, हिन्दू नेतृत्व और सज्जन शक्ति को सक्रिय करके सामाजिक चुनौतियों को संवेदना के साथ हल करने वाला समूह खड़ा करने के उद्देश्य से हिन्दू सम्मेलनों का आयोजन शताब्दी वर्ष में किया जावेगा।ये हिन्दू सम्मेलन मालवा-निमाड के दो हजार से अधिक स्थानों पर आयोजित किये जावेंगे।

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हिन्दुस्थान समाचार / डॉ. मयंक चतुर्वेदी