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जयपुर, 15 जून (हि.स.)। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राज्य सरकार चार जातियां-युवा, महिला, किसान और गरीब के उत्थान के लिए समर्पित होकर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि अन्त्योदय के लक्ष्य की प्राप्ति के क्रम में वंचितों को वरीयता देते हुए राज्य सरकार 24 जून से 9 जुलाई तक पंडित दीनदयाल उपाध्याय अन्त्योदय सम्बल पखवाड़ा संचालित करने जा रही है। इसके माध्यम से व्यापक गतिविधियां संचालित कर जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ आमजन को सुनिश्चित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री शर्मा रविवार को मुख्यमंत्री निवास पर पंडित दीनदयाल उपाध्याय अन्त्योदय सम्बल पखवाड़ा (24 जून से 9 जुलाई) की तैयारियों के संबंध में आयोजित बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्हाेंने कहा कि हमारी सरकार का संकल्प ‘‘गरीबी मुक्त राजस्थान’’ बनाना है। इसी दिशा में हमारी सरकार ने ‘पंडित दीनदयाल उपाध्याय गरीबी मुक्त गांव योजना’ शुरू की है, जिसके माध्यम से हम पहले चरण में 5 हजार गांवों में सभी बीपीएल परिवारों को गरीबी रेखा से ऊपर लाएंगे। उन्होंने कहा कि पखवाड़े के दौरान जिला कलक्टर इन 5 हजार गांवों के अलावा अन्य गांवों में भी सर्वे का कार्य प्रारंभ करें ताकि अधिक से अधिक लोगो को भी इस योजना के अन्तर्गत लाभान्वित किया जा सके।
उन्होंने कहा कि पखवाड़े के अन्तर्गत प्रतिदिन ग्राम पंचायत स्तर पर शिविरों का आयोजन किया जाएगा। जिला कलेक्टर इन शिविरों के सफल आयोजन के लिए नोडल अधिकारी की नियुक्ति करें। मुख्यमंत्री ने पखवाड़े के संबंध में 20 जून को ग्राम सभा आयोजित करने के निर्देश दिए ताकि ग्रामीणों को इसकी सम्पूर्ण जानकारी मिल सके।
शर्मा ने कहा कि पखवाड़े के अन्तर्गत पंडित दीनदयाल उपाध्याय गरीबी मुक्त गांव योजना में लक्षित परिवारों को गरीबी रेखा से ऊपर लाने के लिए योजनाओं का लाभ सुनिश्चित किया जाएगा। इसके साथ ही, लम्बित पत्थरगढ़ी और सीमाज्ञान प्रकरणों का निस्तारण, स्वामित्व पट्टो का वितरण, मृदा नमूनों का संग्रहण एवं मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरण, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा (एनएफएसए) के अन्तर्गत लम्बित प्रकरणों का निस्तारण एवं नवीन पात्र परिवारों एवं सदस्यों की आधार सीडिंग के कार्य भी किए जाएंगें।
उन्होंने कहा कि पखवाड़े के दौरान रास्तों व जल संरचनाओं से अतिक्रमण हटाने और लम्बित राजस्व प्रकरणों में सहमति बनाने का प्रयास किया जाए। मुख्यमंत्री ने वन विभाग को नर्सरियों से पौधों का वितरण, कृषि विभाग को बारिश से पहले बीज वितरण और जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग को समर कंटीजेंन्सी कार्यों के फिजिकल वैरिफिकेशन के लिए विशेष दिशा-निर्देश प्रदान किए। इसके साथ ही, उन्होंने खोदी हुई सड़क, लाइन व लिंकेज क निरीक्षण और मरम्मत कार्य करने एवं पानी की टंकी की सफ़ाई के लिए भी निर्देशित किया।
मुख्यमंत्री ने मानसून की तैयारियों के दृष्टिगत संबंधित विभागों को एक्शन मोड पर कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नालों की सफाई और उसका सत्यापन सुनिश्चित किया जाए। जिन क्षेत्रों में जल भराव होता है उनका समय पर चिन्हिकरण कर आवश्यक कार्य पूरे किए जाएं। मौसमी बीमारियों के मद्देनजर स्वास्थ्य केन्द्रों पर दवाइयां उपलब्ध हों तथा वर्षाजनित आपदा से निपटने के लिए जिला प्रशासन मुस्तैद रहे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 5 जून को प्रारम्भ हुए ‘वंदे गंगा’ जल संरक्षण-जन अभियान के अन्तर्गत प्रदेशभर में जल संरक्षण एवं संग्रहण की व्यापक गतिविधियां सफलतापूर्वक आयोजित की जा रही हैं। इस अभियान में प्रदेशभर में अब तक 1 लाख से अधिक गतिविधियों का आयोजन किया गया है तथा जनसहभागिता से यह अभियान जन आंदोलन बन रहा है। उल्लेखनीय है कि 20 जून तक संचालित किए जा रहे इस अभियान में जलस्रोतों, नदियों, जलधाराआें, तालाबों के साथ ही, बावडियों, कुंओं, बांधों के संरक्षण एवं सफाई आदि के कार्य जनसहभागिता से किए जा रहे हैं।
बैठक में मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि पखवाड़े में लम्बित नल कनेक्शन जारी करना, पशुओं की जांच, इलाज और टीकाकरण के लिए कैम्प का आयोजन एवं विद्यालयों में प्रवेशोत्सव मनाने के साथ ही साफ-सफाई सहित आदि कार्य भी संचालित किए जाएंगे। इस दौरान उच्च शिक्षा विभाग द्वारा पात्र विद्यार्थियों को स्कूटी वितरण और वन-विभाग द्वारा हरियालों राजस्थान के अन्तर्गत पौधा वितरण के कार्य किए जाएंगे।
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हिन्दुस्थान समाचार / पारीक