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सिरसा, 15 जून (हि.स.)। मध्यप्रदेश के इंदौर में राष्ट्रीय मत्स्य मीट 2025 का आयोजन किया गया जिसमें जिला मत्स्य अधिकारी जगदीश चंद्र एवं जिला सिरसा के झींगा मछली उत्पादक दो किसान गुरप्रीत सिंह एवं माया देवी ने भाग लिया। सम्मेलन में मछली उत्पादन से जुड़े किसानों ने अपने अनुभव साझा किए। इस भागीदारी में सिरसा की झींगा मछली उत्पादन से जुड़ी उपलब्धियों को देशभर में प्रस्तुत किया।
सम्मेलन से लौटने के बाद जिला मत्स्य अधिकारी जगदीश चंद्र ने रविवार को बताया कि सम्मेलन में हरियाणा द्वारा मत्स्य पालन क्षेत्र में किए जा रहे कार्य और उपलब्धियों को पेश किया गया, जिसमें सिरसा जिला का खासतौर पर झींगा मछली उत्पादन के बारे में बताया गया। उन्होंने कहा कि हरियाणा कृषि के साथ-साथ मत्स्य पालन में तेजी से उभरता हुआ राज्य बना है। हरियाणा देश के इनलैंड (भूमि से घिरे) राज्यों में मछली उत्पादन के मामले में प्रति हेक्टेयर दूसरे स्थान पर है।
वहीं हरियाणा सरकार द्वारा अनुदान के लिए वर्तमान में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत चौदह लाख रुपए से बढ़ाकर 25 लाख करने की सिफारिश की गई है। उन्होंने कहा कि मत्स्य विभाग का मुख्य उद्देश्य अधिक से अधिक जलक्षेत्रों को मछली पालन के अंतर्गत लाना, प्राकृतिक जल स्रोतों में मछलियों का संरक्षण करना, किसानों को उच्च गुणवत्ता का बीज व तकनीकी सहायता देना और मछली विपणन व्यवस्था को मजबूत कर युवाओं को स्वरोजगार से जोडऩा है।
मत्स्य पालन प्रदेश में न केवल रोजगार का साधन बन रहा है, बल्कि किसानों की आमदनी बढ़ाने में भी बड़ी भूमिका निभा रहा है। उन्होंने बताया कि सिरसा को जल कृषि क्लस्टर घोषित किया गया है, जिसकी परियोजना रिपोर्ट भारत सरकार को भेजी जा रही है। सिरसा में भी उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने की योजना है, इसके लिए जल्द ही भूमि का चयन कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि मत्स्य पालक-झींगा पालक किसानों के तालाब के पानी व मिट्टी नमूनो की जांच के साथ-साथ झींगा-मछलियों की बीमारियों की जांच के लिए सुविधा दी जाएगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / Dinesh Chand Sharma