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धर्मशाला, 15 जून (हि.स.)।
हिमाचल प्रदेश में जब से व्यवस्था परिवर्तन के नाम पर कांग्रेस सरकार सत्ता में आई है उसी दिन से जनता सुख के बजाय दुःख झेल रही है। हर रोज मुख्यमंत्री आम आदमी पर कोई न कोई वित्तीय बोझ डालते आये हैं जिससे जनता काफी परेशान है। प्रदेश में आज से पहले कभी ऐसे हालात नहीं बने। यह आरोप रविवार को जारी एक प्रेस बयान में भाजपा के प्रदेश सह मीडिया प्रभारी एडवोकेट विश्वचक्षु ने लगाए। उन्होंने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार के समय जनता को अस्पतालों में पर्ची के लिए पैसा नही देना पड़ा और न महंगे इलाज के लिए कहीं और भटकना पड़ा। आयुष्मान और हिमकेअर कार्ड से लोगों को सरकारी और निजी दोनों अस्पतालों में मुफ्त इलाज मिल रहा था लेकिन जैसे ही ये सरकार आई तो लोगों को अब न गंभीर बीमारियों का इलाज मिल पा रहा है और न सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर।
विश्व चक्षु ने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सूक्खु हिमाचल के इतिहास में पहले ऐसे मुख्यमंत्री बन गए हैं जो विकास नहीं विनाश के लिए जाने जाएंगे। पहले मुख्यमंत्री डॉ. वाई.एस. परमार, शांता कुमार, रामलाल ठाकुर, वीरभद्र सिंह, प्रोफेसर प्रेम कुमार धूमल और पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर किसी न किसी बड़े काम के लिए जाने जाते हैं लेकिन दुर्भाग्य से वर्तमान मुख्यमंत्री का नाम ताले लगाने वाले और व्यवस्था पतन कराने के लिए याद किया जाएगा। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री कर्नल धनी राम शांडिल को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा कि उनके काम करने का आलम ये है कि अढाई साल से वो मेडिकल कालेज और अस्पतालों में रोगी कल्याण समिति की बैठकें तक नहीं कर पाएं हैं। टांडा, नेरचौक और आईजीएमसी जैसे बड़े अस्पताल आज दुर्दशा के दौर से गुजर रहे हैं। मुख्यमंत्री दो साल पहले कहते हैं कि नेरचौक में एमआरआई मशीनें हम लगाएंगे लेकिन वो आज तक नहीं लगी। टांडा मेडिकल का हाल तो किसी से छिपा नहीं है। रोज अखबारों में यहां की दुर्दशा को लेकर समाचार आते हैं लेकिन कोई सुध लेने वाला नहीं है।
हिन्दुस्थान समाचार / सतिंदर धलारिया