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रांची, 15 जून (हि.स.)। झारखंड हाइकोर्ट के महाधिवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि समाज में बाल हिंसा की घटना ठीक नहीं है। इसे रोकने में हमसब की भागीदारी होनी चाहिए। महाधिवक्ता राजीव रंजन रविवार को इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स (आईएपी) झारखंड शाखा की ओर से रांची स्थित एक होटल में आयोजित कार्यशाला में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। वक्त था बच्चों के प्रति हिंसा की रोकथाम'' विषय पर महत्वपूर्ण कार्यशाला और प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण आयोजन का। उन्होंने कहा कि बाल हिंसा को रोकने के लिए यह कार्याशाला कारगार साबित होगी।
मौके पर बतौर विशिष्ट अतिथि रिम्स के निदेशक डॉ राजकुमार ने कहा कि बाल हिंसा सिर्फ शारीरिक नहीं बल्कि मानसिक रूप से भी होती है। इंटरनेट से भी बाल हिंसा को बढ़ावा मिलता है। इस पर अंकुश लगना चाहिए। हिंसा और उपेक्षा के संपर्क में आने से बच्चे के मस्तिष्क के विकास पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। कार्यशाला में एम्स के डॉ राजीव सेठ ने बच्चों के प्रति हिंसा की रोकथाम के लिए कानून बनाने पर जोर दिया।
कार्यशाला में डॉ प्रशांत साबोत, डॉ पी अशोक कुमार, डॉ पीके चौधरी, डॉ प्रो जगदीश एन, आईएपी, झारखंड के अध्यक्ष डॉ राजीव मिश्रा और राज्य सचिव डॉ राजेश कुमार व अन्य लोगों ने भी विचार रखे। इस अवसर पर आईएपी के राज्य सचिव डॉ राजेश कुमार, आईएपी के उपाध्यक्ष डॉ पीके चौधरी, डॉ एस एस सिडाना, डॉ अनंत जगणानी, डॉ शैलेश चंद्रा समेत दिल्ली, केरल, पश्चिम बंगाल सहित अन्य राज्यों से आए कई स्वास्थ्य विशेषज्ञ और चिकित्सक मौजूद थे।
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हिन्दुस्थान समाचार / Manoj Kumar