भारत के खिलाफ सांस्कृतिक और सामरिक साजिशें रच रहा चीन: इंद्रेश कुमार
आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार


शिमला, 15 जून (हि.स.)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य इंद्रेश कुमार ने चीन की भारत विरोधी गतिविधियों पर चिंता जताते हुए उसे एक रणनीतिक और सांस्कृतिक खतरा बताया है। उन्होंने कहा है कि चीन सिर्फ सीमा विवाद तक ही सीमित नहीं है बल्कि वह तिब्बत और भारत के सीमावर्ती क्षेत्रों में सामाजिक, धार्मिक और सांस्कृतिक आक्रमण की नीति पर भी काम कर रहा है।

रविवार को शिमला में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने इंद्रेश कुमार ने बताया कि हाल ही में उन्होंने हिमाचल प्रदेश के जनजातीय और बौद्ध बहुल इलाकों लाहौल-स्पीति और किन्नौर का दौरा किया, जहां उन्होंने स्थानीय समुदायों से संवाद कर उन्हें धर्मांतरण से सतर्क रहने की अपील की। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र चीन की सीमा से सटे हैं और यहां चीन की हरकतों से सजग हरने की जरूरत है।

उन्होंने दावा किया कि चीन तिब्बत में बौद्ध और तिब्बती नस्ल को मिटाने की दिशा में सुनियोजित रणनीति पर काम कर रहा है। इसके तहत वहां हजारों तिब्बती महिलाओं की शादी चीनी युवकों से करवाई जा रही है, जिससे नस्लीय पहचान खत्म हो सके। उन्होंने कहा कि यही रणनीति अब अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम जैसे भारत के पूर्वाेत्तर राज्यों में भी अपनाई जा रही है।

इंद्रेश कुमार ने कहा कि चीन की ऐसी हरकतें केवल सांस्कृतिक स्तर पर नहीं, बल्कि सामरिक स्तर पर भी भारत के लिए खतरा हैं। उन्होंने याद दिलाया कि 1959 में चीन ने तिब्बत और 1962 में कैलाश मानसरोवर पर कब्जा किया था। उन्होंने आरोप लगाया कि भारत की तत्कालीन सरकार की सुरेंडर नीति के कारण ये ऐतिहासिक और धार्मिक क्षेत्र भारत से अलग हो गए।

उन्होंने यह भी कहा कि सतलुज नदी में आए अचानक उफान का कारण भी चीन की ओर से किया गया टैस्टिंग था, जिससे क्षेत्र में बड़ी अनहोनी टल गई। यह दर्शाता है कि चीन किस तरह प्राकृतिक संसाधनों का भी सैन्य मकसद से इस्तेमाल करने की कोशिश कर रहा है।

इंद्रेश कुमार ने हाल ही में हुए ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए कहा कि भारत ने पाकिस्तान के नौ सैन्य ठिकानों और चार आतंकी अड्डों को नष्ट कर दिया, जिसमें करीब 100 आतंकवादी मारे गए। उन्होंने दावा किया कि जिन एयरबेस को निशाना बनाया गया था, वे चीन के नियंत्रण में थे और भारत की इस कार्रवाई से चीन हैरान और बौखलाया हुआ है।

उन्होंने कहा कि चीन भारत के खिलाफ पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसे देशों के माध्यम से भी अप्रत्यक्ष युद्ध छेड़े हुए है। उन्होंने हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले और बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों का हवाला देते हुए कहा कि इन घटनाओं में भी चीन की अप्रत्यक्ष भूमिका हो सकती है।

इंद्रेश कुमार ने कहा कि पाकिस्तान के अंदर भी आज कई समुदाय जैसे सिंधी, बलूच, पख्तून और पीओके के लोग आज़ादी की मांग कर रहे हैं और भारत की हालिया सैन्य कार्रवाइयों ने चीन-पाक गठजोड़ को बड़ा झटका दिया है।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा