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कोलकाता, 15 जून ( हि. स.)।
मेट्रो स्टेशन पर यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और आत्महत्या की घटनाओं को रोकने के उद्देश्य से कोलकाता मेट्रो ने एक जून 2025 से प्लेटफॉर्म के किनारे पीली रेखा की सीमा तय की है। इस रेखा को पार करना अब दंडनीय अपराध घोषित किया गया है और इसके उल्लंघन पर दो सौ पचास रुपए का जुर्माना निर्धारित किया गया है। लेकिन नियम लागू हुए पंद्रह दिन बीतने के बाद भी, मेट्रो प्रशासन यह स्पष्ट रूप से नहीं बता पा रहा है कि कितने यात्रियों ने इस नियम का उल्लंघन किया और कितनों से जुर्माना वसूला गया।
मेट्रो अधिकारियों का कहना है कि कई यात्रियों ने पीली रेखा पार की है और उनसे जुर्माना वसूला गया है, लेकिन समग्र आंकड़ों का अभी संकलन नहीं हो पाया है। इस लापरवाही से मेट्रो प्रशासन की निगरानी और रिपोर्टिंग प्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं।
यात्रियों की राय है कि केवल नियम बना देने से मेट्रो में आत्महत्या जैसी घटनाएं नहीं रुकेंगी। प्लेटफॉर्म पर अभी भी लोग रेखा पार कर खड़े होते देखे जा सकते हैं, विशेषकर कार्यालय समय के दौरान। यात्रियों ने यह भी आरोप लगाया कि ज्यादातर स्टेशनों पर आरपीएफ की उपस्थिति न के बराबर है, और जहां वे मौजूद हैं, वहां भी वे अक्सर मोबाइल में व्यस्त रहते हैं।
उल्लेखनीय है कि चार जून को मास्टर्डा सूर्या सेन स्टेशन पर एक महिला द्वारा मेट्रो के सामने छलांग लगाने की घटना सामने आई थी, जो दर्शाता है कि केवल दंडात्मक उपायों से गंभीर घटनाओं को नहीं रोका जा सकता। यात्रियों का कहना है कि निगरानी व्यवस्था को और मजबूत बनाने की आवश्यकता है।
मेट्रो प्रशासन ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज में अक्सर यह देखा गया है कि यात्री पहले चढ़ने की होड़ में मेट्रो के आने से पहले ही पीली रेखा पार कर प्लेटफॉर्म के किनारे खड़े हो जाते हैं, जिससे कई बार जानलेवा स्थितियां उत्पन्न होती हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / अनिता राय