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नैनीताल, 15 जून (हि.स.)। उत्तराखंड के नैनीताल जनपद में रविवार को बाबा नीब करौरी महाराजजी द्वारा 1962 में स्थापित कैंची धाम का 63वां वार्षिक स्थापना दिवस मेला अत्यधिक श्रद्धा, उत्साह व भक्तिभाव के साथ मनाया जा रहा है।
यहां सुबह पांच बजे से ही धाम के कपाट खुलने के साथ श्रद्धालु राम भक्त हनुमान के भक्त बाबा नीम करौरी महाराज की सजीव सी लगने वाली आदमकद कंबल ओढ़े बैठी अवस्था वाली मूर्ति के दर्शन कर रहे हैं और बाबा के प्रिय मालपुवों का प्रसाद प्राप्त कर रहे हैं। इस दौरान धाम के दोनों ओर श्रद्धालुओं की लगभग 3 किलोमीटर लंबी कतारें नजर आयी हैं।
इस दौरान छाये कोहरे से आती फुहारें जैसे श्रद्धालुओं की थकान व परेशानियों को दूर करती हुई आस्था को बढ़ा रही थी और श्रद्धालु “बाबा नीब करौरी महाराज की जय” व जय हनुमान-जय श्री राम के उद्घोषों के साथ श्रद्धा पूर्वक बाबा के दर्शन कर रहे हैं।
श्रद्धालुओं की संख्या अपेक्षा से कम
अलबत्ता कैंची धाम में श्रद्धालुओं की संख्या पिछले वर्षों के सापेक्ष व विशेषकर इस वर्ष रविवार को मेला पड़ने के कारण अपेक्षित ढाई-तीन लाख से काफी कम नजर आयी है। इसे व्यवस्थाओं का बेहतर कहें या पुलिस-प्रशासन के द्वारा वाहनों को रोकने आदि के बारे में कई दिनों से किये जा रहे प्रचार का असर, मंदिर के बाहर से लेकर मंदिर के भीतर तक भीड़ नहीं दिखाई दी। अपराह्न 3 बजे तक 80 हजार श्रद्धालुओं के ही कैंची धाम पहुंच पाने का समाचार है।
एसएसपी के संदेश के बावजूद नहीं आने दिए गए दोपहिया वाहन
जनपद के एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा की ओर से एक दिन पूर्व संदेश दिया गया था कि स्थानीय लोग अपने पहचान पत्र दिखाकर दोपहिया वाहनों से आवागमन कर सकेंगे। लेकिन बाहरी लोगों को किसी भी तरह के निजी या किराये के दोपहिया वाहनों से आने की अनुमति नहीं होगी। किंतु आज स्थानीय लोगों को भी दोपहिया वाहनों से सुबह से ही कैंची धाम नहीं जाने दिया गया।जबकि रविवार को दिन में लगभग एक बजे नैनीताल पुलिस की ओर से अपडेट किया गया कि नैनीताल से दोपहिया वाहनों से लोग सेनेटोरियम तक और हल्द्वानी से भीमताल पार्किंग तक आ सकते हैं। वहां से शटल सुविधा उपलब्ध होगी। भवाली से आगे किसी भी दोपहिया वाहन को कैंची धाम जाने की अनुमति नहीं होगी।
उधर कैंची धाम में भवाली की ओर से आने वाली शटल टैक्सियों को वन विभाग की चौकी तक आने दिया गया। यहां से कुछ दूर अन्नपूर्णा ढाबा से श्रद्धालुओं की कतार मंदिर तक यानी लगभग 2 किमी तक लगी, और कभी से इससे अधिक बढ़ती नजर नहीं आयी। दूसरी ओर खैरना की ओर लगभग आधा किमी लंबी कतार दिखाई दी।
शौचालय की कमी खली
मंदिर में व्यवस्थाएं काफी बेहतर दिखीं। श्रद्धालुओं को बाबा नीब करौरी की मूर्ति सहित कहीं भी भेंट चढ़ाने यानी सिर झुकाने जितनी देरी के लिये भी रुकने नहीं दिया गया और मंदिर के दूसरी ओर से मालपुवों के दो पैकेट एवं एक पैकेट सब्जी के प्रसाद के साथ बाहर निकाला गया। मंदिर में पानी एवं सफाई की व्यवस्था के साथ लोगों के जूते-चप्पल रखने की व्यवस्था भी बेहतर रही, अलबत्ता कई श्रद्धालु शौचालय की समस्या से परेशान दिखे।
देश-विदेश से पहुंच़े श्रद्धालु
पुलिस व संबंधितों से प्राप्त जानकारी के अनुसार मेला आयोजन को लेकर सुबह से ही दिल्ली, हरियाणा, सूरत, मुंबई, नेपाल, देहरादून समेत विभिन्न नगरों व राज्यों से भारी संख्या में श्रद्धालु कैंची धाम पहुंचे। भीड़ को नियंत्रित व व्यवस्थित करने के लिए पुलिस बल व स्वयंसेवकों की मदद से भीमताल, भवाली, नैनीताल सहित विभिन्न स्थानों पर श्रद्धालुओं के निजी वाहन रोककर वहां से शटल वाहनों द्वारा कैंची धाम में वन विभाग की पुरानी चुंगी तक भेजा गया। यहां से श्रद्धालुओं को कैंची धाम तक जाने और लौटने में लगभग 5 किमी पैदल भी चलना पड़ा। इसके बावजूद श्रद्धालुओं का उत्साह कम नहीं हुआ।
शटल सेवा व सुरक्षा के कड़े प्रबंध
पुलिस व संबंधितों से प्राप्त जानकारी के अनुसार श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए छह सौ शटल वाहन लगाए गए हैं। स्वयं जिलाधिकारी भी व्यवस्थाओं की जांच को शटल सेवा से कैंची धाम पहुंचीं। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पीएन मीणा ने अपराह्न तीन बजे 80 हजार श्रद्धालुओं के बाबा के दर्शन करने की जानकारी दी। यह भी रहा कि सुबह की तेजी के बाद दिन में श्रद्धालुओं की संख्या में कमी देखी गई, जबकि स्थानीय श्रद्धालुओं के शाम को धाम में अधिक संख्या में पहुँचने की संभावना जताई जा रही है।
पूरे मेला क्षेत्र को पुलिस व प्रशासन ने सुरक्षा घेरे में लिया हुआ है। मंदिर के गेट के पास बने कंट्रोल रूम से ड्रोन एवं सीसीटीवी कैमरों से नजर रखी जा रही है। जगह-जगह बैरिकेडिंग की गई है व पैदल मार्ग से आने वाले श्रद्धालुओं को कतार में व्यवस्थित तरीके से मंदिर परिसर तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है।
हिन्दुस्थान समाचार / डॉ. नवीन चन्द्र जोशी