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पूर्णिया, 15 जून (हि.स.)। पूर्णिया के किलकारी बिहार बाल भवन में चल रहे चक धूम–धूम समर कैंप 2025 में बच्चों को सिखाई जा रही है दुनिया की सबसे पुरानी युद्ध शैली—कलारीपयट्टू।
केरल से आए राष्ट्रीय स्तर के प्रशिक्षक दिलसागर ने बच्चों को शारीरिक और मानसिक संतुलन की इस अद्भुत कला से परिचित कराया। शेर, मयूरी, सांप, मेंढक और मछली जैसे जीवों की मुद्रा में बच्चों ने आत्मरक्षा की तकनीकें सीखीं।
प्रमंडल समन्वयक त्रिदीप शील ने बताया कि इस कार्यशाला में 182 बच्चों ने भाग लिया, जिनका मार्गदर्शन किलकारी के प्रशिक्षक कृष्णा रावत और कुमार वरुण ने भी किया। इस प्राचीन कला की नई पीढ़ी में दस्तक... पूर्णिया में इतिहास रच रहा है।
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हिन्दुस्थान समाचार / नंदकिशोर सिंह