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भोपाल, 15 जून (हि.स.)। उपभोक्ताओं द्वारा प्रतिदिन उपयोग में लाए जाने वाले दूध, दही, पनीर, घी आदि दुग्ध उत्पादों की शुद्धता की जांच उनके समक्ष करने के उद्देश्य से राजधानी भोपाल की विभिन्न कॉलोनियों में “सांची रथ” चलाया जा रहा है। इस प्रयोगशाला में नवीनतम उपकरणों द्वारा तत्काल परीक्षण किया जाता है, जिसकी रिपोर्ट उपभोक्ताओं को मोबाइल व व्हाट्सएप के माध्यम से भेजी जाती है। यह अभियान “दूध का दूध – पानी का पानी” के नाम से चलाया जा रहा है। रविवार को “सांची रथ” ने स्प्रिंग वैली सोसायटी, कटारा हिल्स का दौरा किया, जहाँ कुल 55 सैंपलों की जांच की गई। इन सैंपलों में से 20 सैंपल असमानक पाए गए, जो कि खुले दूध के थे। इनमें से 17 सैंपलों में पानी की मिलावट, दो में स्टार्च और एक सैंपल में सुक्रोज की मिलावट पाई गई। इस प्रकार की मिलावट उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक हो सकती है।
भोपाल दुग्ध संघ के मुख्य कार्यपालन अधिकारी प्रीतेश जोशी ने उपभोक्ताओं से अपील की कि उपभोक्ताओं को खुले दूध के स्थान पर ब्रांडेड, पैकेज्ड एवं पाश्चुरीकृत दूध को प्राथमिकता देनी चाहिए, क्योंकि खुले दूध में पानी की मिलावट जैसी समस्याएं आम होती जा रही हैं। यदि यह मिलाया गया पानी अशुद्ध या दूषित स्रोत से है, तो यह विशेष रूप से छोटे बच्चों, बुजुर्गों एवं रोगियों के लिए गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न कर सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि कई उपभोक्ताओं ने इस बात की सराहना की है कि अब उन्हें अपने दूध की शुद्धता की जांच अपने घर के पास ही करने का अवसर मिल रहा है। यह पहल उपभोक्ताओं में न केवल जागरूकता लाएगी, बल्कि मिलावट करने वालों पर भी प्रभावी रोक लगाएगी।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर