किसान का बेटा बना सेना में लेफ्टिनेंट, गांव में ऐतिहासिक स्वागत
लेफ्टिनेंट तरुण सैनी अपने माता-पिता श्री वीरेंद्र सिंह सैनी व श्रीमती विनीता सैनी के साथ। वर्दी में बेटे को देख गर्व से भरे माता-पिता।


भारतीय सेना की वर्दी में गाड़ी के ऊपर खड़े होकर हाथ में तिरंगा लहराते हुए लेफ्टिनेंट तरुण सैनी। स्वागत जुलूस के दौरान जयघोषों से गूंजा वातावरण।


रुड़की, 14 जून (हि.स.)। हरिद्वार जनपद के मंगलौर विधानसभा क्षेत्र के छोटे से गांव ठसका ने आज इतिहास रच दिया। इस गांव के लाल तरुण सैनी ने भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून से पासआउट होकर सेना में लेफ्टिनेंट बनते ही पूरे क्षेत्र को गौरवान्वित कर दिया है। गांव पहुंचते ही जैसे ही उन्होंने सेना की वर्दी में कदम रखा, पूरे गांव ने उनका वीर योद्धा की तरह स्वागत किया।

शनिवार को आयोजित पासिंग आउट परेड में तरुण सैनी ने कदम से कदम मिलाकर राष्ट्र के प्रति समर्पण की शपथ ली। इसके बाद जैसे ही वे अपने गांव पहुंचे, दिल्ली रोड स्थित चौधरी चरण सिंह चौक से लेकर उनके निवास स्थान तक देशभक्ति नारों और फूलों की वर्षा के बीच स्वागत यात्रा निकाली गई। रास्ते भर गांव के बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे भारत माता की जय, वंदे मातरम् और जय जवान के नारों से माहौल गूंजा उठे।

गांव का गौरव : साधारण परिवार से असाधारण सफलता तक

लेफ्टिनेंट तरुण सैनी के पिता श्री वीरेंद्र सिंह सैनी व माता विनीता सैनी साधारण किसान परिवार से हैं। बेटे की यह ऐतिहासिक उपलब्धि उनके वर्षों के त्याग, अनुशासन और प्रेरणा की मिसाल है।

पिता वीरेंद्र सिंह सैनी भावुक होकर कहते हैं

आज मेरा सिर गर्व से ऊँचा है। बेटा जब पहली बार वर्दी में सामने आया, तो मेरी आंखें नम हो गईं। हमने कभी बड़े सपने नहीं देखे, लेकिन बेटे ने हमें दिखा दिया कि मेहनत का कोई विकल्प नहीं होता।

माता विनीता सैनी ने कहा

जब बेटे को सैनिक के रूप में कदम रखते देखा, तो लगा जैसे मेरी वर्षों की तपस्या सफल हो गई। आज वह सिर्फ हमारा बेटा नहीं, राष्ट्र का सपूत बन चुका है।

हिन्दुस्थान समाचार / Ajay Saini