Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
रुड़की, 14 जून (हि.स.)। जहां एक ओर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड सरकार गांवों के नाम बदलकर उन्हें ऐतिहासिक और सामाजिक गौरव देने का काम कर रही है, वहीं जमीनी स्तर पर स्वच्छता को लेकर लापरवाही की तस्वीरें सामने आ रही हैं। झबरेड़ा मार्ग पर स्थित सुर सैनी नगर (पूर्व में सलेमपुर राजपूताना) में नगर निगम की उदासीनता के चलते खुले में कूड़ा जलाया जा रहा है, जिससे पर्यावरण और आमजन दोनों खतरे में हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले कई महीनों से यहां कूड़ा नियमित रूप से नहीं उठाया जा रहा। सड़क किनारे डाले गए कूड़े का ढेर बढ़ता जा रहा है। अब हालत यह है कि कूड़ा उठाने के बजाय उसमें आग लगा दी जाती है, जिससे निकलने वाला धुआं राहगीरों और आसपास के निवासियों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है।
समाजसेवी अरुण सैनी ने जताई नाराजगी
जिस गांव का नाम हाल ही में 'सुर सैनी नगर' रखकर उसे एक नई पहचान दी गई, वहां स्वच्छता की ये बदहाल तस्वीर दुर्भाग्यपूर्ण है। खुले में कूड़ा जलाकर स्वच्छ भारत अभियान की भावना का मज़ाक उड़ाया जा रहा है। यह सिर्फ बदइंतज़ामी नहीं, बल्कि जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ है।
गांववासियों ने बताया कि कुछ दिन पहले खुले में पड़े कूड़े में अज्ञात लोगों द्वारा आग लगा दी गई, जिससे भारी धुआं उठा और पूरा झबरेड़ा मार्ग धुएं से ढक गया। इससे राहगीरों को सांस लेने में तकलीफ और जलन जैसी शिकायतें हुईं। साथ ही आसपास के घरों में भी दमघोंटू माहौल बन गया।
स्थानीय निवासी बताते हैं किनगर निगम न तो नियमित रूप से सफाई करता है और न ही कूड़ा उठाने की व्यवस्था है। मजबूरी में लोग खुद कूड़ा जलाते हैं। प्रशासन को चेताया गया, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
अरुण सैनी ने कहा कि नाम बदलने भर से बदलाव नहीं आता। जब तक सफाई और बुनियादी सुविधाएं नहीं दी जाएंगी, तब तक ये सिर्फ दिखावा रहेगा। हम प्रशासन से मांग करते हैं कि इस लापरवाही पर सख्त कार्रवाई हो और गांव को सच में ‘सुर’ यानी स्वच्छ और सुरक्षित बनाया जाए।”
हिन्दुस्थान समाचार / Ajay Saini