हिसार : विद्यार्थियों पर लाठीचार्ज के आरोप में प्रोफेसर निलंबित
छात्रों को संबोधित करते किसान नेता रवि आजाद।


धरनास्थल पर कुलपति का पुतला फूंकते छात्र।


चार सिक्योरिटी गार्डों को पहले ही किया जा चुका

बर्खास्त

आंदोलनकारी विद्यार्थियों ने फूंका कुलपति प्रो.

बीआर कम्बोज का पुतला

हिसार, 14 जून (हि.स.)। हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय

के विद्यार्थियों द्वारा लगातार दिए जा रहे धरने व आंदोलन को विभिन्न राजनीतिक दलों,

किसान संगठनों व अन्य संगठनों द्वारा दिए जा रहे समर्थन के बाद एचएयू प्रशासन ने बड़ी

कार्रवाई की है। प्रशासन ने मारपीट मामले में

शामिल प्रोफेसर राधेश्याम मांझू को निलंबित कर दिया है। इससे पहले चार सिक्योरिटी

गार्डों को पहले ही बर्खास्त किया जा चुका है। इससे पहले विद्यार्थियों ने अपने आंदोलन

की कड़ी में कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज का पुतला भी फूंका।

छात्रों के प्रदर्शन के पांचवें दिन विश्वविद्यालय

ने लाठीचार्ज के आरोपी प्रोफेसर राधेश्याम को शनिवार को निलंबित कर दिया है। इसके अलावा

चार सुरक्षा कर्मी बिजेंद्र, अनूप, जगमेश पूनिया और नरेंद्र को भी नौकरी से बर्खास्त

कर दिया गया है। विद्यार्थी लगातार इस मुद्दे पर संघर्ष कर रहे हैं और एचएयू के 4 नंबर

गेट पर धरना दे रहे हैं। धरने पर विपक्षी दलों के नेता समर्थन देने पहुंच रहे हैं।

भारतीय किसान यूनियन छात्रों के समर्थन में आ गई है। भाकियू नेता गुरनाम सिंह चढूनी

और रवि आजाद छात्रों को समर्थन देने पहुंचे। यहां पहुंचकर भाकियू नेताओं ने छात्रों

संग मिलकर नारेबाजी और कुलपति बीआर कम्बोज का पुतला जलाया।

धरने पर छात्रों को संबोधित करते हुए भाकियू नेता

गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि सरकार को यह गलत फ़हमी निकाल देनी चाहिए कि यह आंदोलन

2 से 4 दिन ही चलेगा। भाकियू पूरी तरह से छात्रों के साथ है और जब तक आंदोलन चलेगा

पूरी टीम छात्रों के साथ रहेगी। चढूनी ने कहा कि सरकार के पास अभी मौका है कि वह छात्रों

की मांग मान ले वरना आंदोलन लंबा और बड़ा हो गया तो यह सरकार से नहीं संभलेगा। रेल और

सड़कें रोकने पड़े और सरकार को कोई बड़ा कदम उठाना पड़े उससे पहले ही छात्रों की मांग मान

लेनी चाहिए क्योंकि छात्रों की मांग जायज है जिसे पूरा किया जा सकता है। जो भी लाठीचार्ज

के दोषी हैं उन पर कार्रवाई होनी चाहिए।

हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में मंगलवार 10 मई

देर रात को कुलपति आवास के बाहर सिक्योरिटी गार्ड्स ने स्टूडेंट्स पर लाठीचार्ज कर

दिया था। इसमें 20 से ज्यादा स्टूडेंट घायल हो गए थे और 6 स्टूडेंट्स को गंभीर चोटें

आई थीं, जिन्हें सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। दरअसल मंगलवार सुबह स्टूडेंट

दोपहर को स्कॉलरशिप पॉलिसी के विरोध में कुलपति से मिलने पहुंचे थे। यहां उनका सिक्योरिटी

गार्ड्स के साथ विवाद हो गया। स्टूडेंट्स ने आरोप लगाया कि उनके साथ मारपीट की गई।

रात को वे इसके विरोध में कुलपति आवास के बाहर पहुंचे तो सिक्योरिटी गार्ड्स ने उन्हें

दोबारा खदेड़ दिया और लाठीचार्ज किया। इसके बाद स्टूडेंट्स की शिकायत पर सिविल लाइन

थाना पुलिस ने यूनिवर्सिटी के सिक्योरिटी इंचार्ज सुखबीर सिंह, प्रोफेसर राधेश्याम,

रजिस्ट्रार पवन कुमार, सुमन, नरेंद्र, जगमेश पूनिया, अनूप और बिजेंद्र के खिलाफ केस

दर्ज किया था।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर